बीएमसी को मुंबई के अलग अलग इलाको में आवारा बिल्लियों (Stray Cats) की शिकायतें मिल रही हैं। ये शिकायतें दिन ब दिन बढ़ती दिख रही हैं। इस संबंध में मदद के लिए अब सामाजिक संगठनों और निजी संगठनों से आवारा बिल्लियों के टीकाकरण (Vaccination) में मदद के लिए आगे आने की अपील की गई है।
चालू वर्ष में बीएमसी ने प्रति बिल्ली नसबंदी के लिए 2,000 रुपये रखे है। बीएमसी ने इन आवारा बिल्लियों के टीकाकरण के लिए एक करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी है। बीएमसी का कहना है की कुत्तों की संख्या कम होने पर बिल्लियों की संख्या बढ़ जाती है।
बीएमसी ने 2019 में आवारा बिल्लियों की नसबंदी शुरू की थी। यह काम डिफेंस ऑफ एनिमल्स को दिया गया था, जो एक एनजीओ है जो देवनार में आश्रय और पराल में बॉम्बे वेटरनरी कॉलेज में कार्यक्रम चलाता है। लेकिन बीएमसी अब इस काम में और एजेंसियों को शामिल करने की मांग कर रही है।2019 से अब तक केवल 5,700 बिल्लियों की नसबंदी की गई है।
बीएमसी को होती है कई परेशानियां
इस कार्य में बीएमसी के साथ साथ संस्थाओ को भी कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सबसे पहले नगर पालिका या संबंधित संस्था को ऐसे लोगों को ढूंढना होगा जो बिल्लियों को पकड़कर नसबंदी की जगह पर लाएंगे। इसके बाद नसबंदी के बाद इन्हें रखने के लिए बड़े पिंजड़े खरीदने पड़ते हैं।
टीकाकरण के बाद कम से कम पांच दिनों तक बिल्लियों को निगरानी में रखना चाहिए। इसके अलावा, कभी-कभी, लोग अपने घरों के पास नसबंदी केंद्र स्थापित करने का विरोध करते हैं।
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