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जीएसटी इफेक्ट, टोल नाके हुए इतिहास


जीएसटी इफेक्ट, टोल नाके हुए इतिहास
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पूरे देश में 1 जुलाई से जीएसटी (goods service tax) लागू हो गया। जीएसटी लागू होने से मुंबई के सभी टोल नाको से टोल लेना भी बंद हो गया। इन टोल नाको से बीएमसी को भारी कमाई होती थी। एक आंकड़ों के अनुसार बीएमसी को पिछले तीन महीने में टोल से ही 1890 करोड़ रुपए की आय हुई, जबकि बीएमसी ने 1500 करोड़ रूपये का लक्ष्य रखा था। यानी लक्ष्य से 400 करोड़ रूपये की अधिक कमाई।

जीएसटी लागू होने से मुंबई के पांच टोल नाके मुलुंड, दहिसर, मानखुर्द, एरोली और वाशी के टोल बंद हो गए। टोल बंद हो जाने से इन टोल नाको पर कार्यरत करीब 1300 कर्मचारी बेरोजगार हो गए। इन कर्मचारियों के सामने अब रोजी रोटी की समस्या आ गई है। कर आकलन और संग्रह विभाग के प्रमुख संजोग कबरे ने इस बाबत कुछ रास्ता निकालने का आश्वासन जरुर दिया है।


लक्ष्य से अधिक हुई कमाई

कबरे ने स्पष्ट किया कि जब बीएमसी कमिश्नर अजॉय मेहता ने 2017-18 के लिए बजट पेश किया तो उस समय टोल नाकों से कमाई के लिए 1500 करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन जब 1 जुलाई को जीएसटी लागू हुआ तब 30 जून तक पिछले तीन महीने की आय 1890 करोड़ रुपए हुई थी।


तीन महीने में 400 करोड़ रुपए मिले अधिक

पिछले साल टोल नाको से 6850 करोड़ रुपए की आय का लक्ष्य रखा गया था लेकिन उसकी तुलना में मार्च 17 में तक 7275 करोड़ रुपए की आय हुई थी। इस साल भी लक्ष्य से अधिक 400 करोड़ रुपए अधिक की आय हुई है।

लेकिन जीएसटी लागू होने के बाद सभी टोल नाके बंद हो गए, और बीएमसी की कमाई का एक बहुत बड़ा हिस्सा भी बंद हो गया। हालांकि इसकी भरपाई के लिए राज्य सरकार ने बीएमसी को आश्वासन दिया है।


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