बीएमसी ने कुछ महीनों पहले अपने कर्मचारियों के लिए बॉयोमीट्रिक उपस्थिति अनिवार्य कर दी थी। जिसके बाद बीएमसी को 30 करोड़ की बचत हुई है। बीएमसी कमिश्नर अजॉय मेहता ने अपने बजट भाषण में कहा की बॉयोमीट्रिक उपस्थिति होने के कारण बीएमसी को इस साल 30 करोड़ की बचत हुई है। बॉयोमीट्रिक उपस्थिति अनिवार्य होने के पहले बीएमसी कर्मचारी और अधिकारी मस्टर पर हस्ताक्षर करते थे, जिसके कारण कई बार लेट आनेवाले अधिकारी भी फूल सैलरी पाते थे।
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जुलाई 2017 में बीएमसी कमिश्नर अजॉय मेहता ने बीएमसी के सभी ऑफिस में बॉयोमैट्रीक अटेंडेंस जरुरी कर दिये थे। जिसके बाद सभी कर्मचारियों को अपनी उपस्थिती बॉयोमैट्रीक तरिके से ही करती होती है। बीएमसी में कुल 1 लाख 6,000 कर्मचारी और अधिकारी पंजीकृत है , जिन्हे इस बॉयोमैट्रीक अटेंडेंस सिस्टम से जोड़ा गया है। बॉयौमेट्रीक अटेंडेस के कारण लेट आनेवाले कर्मचारियों की सैलरी काटी जाती है, जिसके कारण बीएमसी को इस साल 30 करोड़ की बचत हुई है।
बॉयोमीट्रिक उपस्थिति के कार्यान्वयन के बाद, 2.5 हजार से अधिक कर्मचारी की नवंबर और दिसंबर की सैलरी रोक दी गई थी क्योकी उन्होने अपना आधार कार्ड लिंक नहीं करवाया था, लेकिन कर्मचारियों ने अपने अपने अधिकारियों के इसका कारण बताया जिसके बाद उनकी सैलरी देने का निर्णय लिया गया।