अगर बीएमसी की लापरवाही के कारण किसी व्यक्ति की प्राकृतिक हादसे में मौत हो जाती है तो मरने वाले परिजन को 5 लाख रूपये का आर्थिक मुआवजा दिया जायेगा। बीएमसी की बैठक में शिवसेना की नगरसेविका समृद्धी काते ने इस प्रस्ताव को पेश किया तो बीजेपी सहित सभी दलों ने इसे एक सुर में पास कर दिया। बीएमसी के इतिहास में यह पहली बार है कि जब सभी दलों ने बिना किसी चर्चा के मात्र कुछ ही समय में किसी प्रस्ताव को पास कर दिया हो।
मानसून के पहले बीएमसी द्वारा पेड़ों की काटछांट की जाती है ताकि तूफ़ान में पेड़ गिरे नहीं और कोई उसकी चपेट में ना आए। पहले वाले नियम के अनुसार अगर पेड़ गिरने से अगर किसी की मौत हो जाती थी तो उसके परिजन को 1 लाख रूपये का मुआवजा दिया जाता था जबकि पेड़ गिरने से घायल व्यक्ति को 5 हजार रूपये की आर्थिक मदद की जाती थी, लेकिन यह राशि पीड़ित परिवार के गुजर बसर में काफी कम होती थी, इसीलिए बीएमसी के इस नए निर्णय के अनुसार मुआवजे की राशि को बढ़ाकर 1 लाख की जगह 5 लाख रूपये और घायल को 5 हजार की जगह 50 हजार रूपये कर दिया गया। जल्द ही इस प्रस्ताव को अमलीजामा पहनाया जायेगा।
आपको बता दें की इसी साल चेंबूर इलाके में अलग-अलग घटनाओं में पेड़ गिरने से दो महिलाओं को मौत हो गयी थी, जबकि इसी साल भारी बारिश से जब मुंबई जलमग्न हो गयी थी तभी बॉम्बे हॉस्पिटल के डॉक्टर दीपक अमरापुरकर की में मेनहोल में गिर जाने से मौत हो गयी थी। इन दोनों घटनाओं के का जिम्मेदार बीएमसी को माना गया था।