बीएमसी अब जल्द ही कुत्तों की तरह आवारा बिल्लों की भी नशबंदी करने की तैयारी कर रही है। बीएमसी जल्द ही इलके लिए एक एजेंसी नियुक्त करने जा रही है। दरअसल शहर में बिल्लियों की तादाद दिन बा दिन बढ़ती जा रही है। आवारा बिल्लियों की बढ़ती आबादी को ध्यान में रखते हुए, जून में, बीएमसी ने एबीसी कार्यक्रम में आवारा बिल्लियों को शामिल करने के लिए भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (AWBI) से अनुमति मांगी।
AWBI ने अब BMC को अनुमति दे दी है जिसके लिए बीएमसी ने अब इस कार्य को आगे बढा़ने के लिए एक एजेंसी की नियुक्ति करेगा। 1 अप्रैल से बिल्लियों की नसबंदी शुरू करने की संभावना है। हालांकि, शहर में आवारा बिल्लियों की संख्या पर कोई डेटा उपलब्ध नहीं है। अब तक, कुछ निजी क्लीनिक और गैर सरकारी संगठन शहर में बिल्लियों की नसबंदी करते हैं। बीएमसी ने परियोजना के लिए 1 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
बीएमसी नसबंदी के लिए 600 रुपये बिल्लों के लिए और 800 रुपये बिल्लियों के लिए खर्च करेगी। बिल्ली नसबंदी के नियमों को एबीसी कार्यक्रम के तहत तय किया जाना बाकी है