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पटाखा बैन की याचिका को मुंबई उच्च न्यायालय ने किया खारिज

पटाखों से होने वाले प्रदूषण के कारण लोगों की रोग प्रतिरोधक शक्ति कम होगी जिससे कोरोना के अधिक बढ़ने के चांस हैं।

पटाखा बैन की याचिका को मुंबई उच्च न्यायालय ने किया खारिज
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इस साल राज्य सरकार ने कोरोना के कारण पटाखों की संख्या को नियंत्रित करने की अपील की है। कोरोना के कारण, दिवाली भी गणेशोत्सव और नवरात्रि की तरह ही नियमों के अनुसार मनायी जाएगी। इसके अलावा, पुणे के अनिरुद्ध देशपांडे ने इस साल के दिवाली त्योहार के दौरान कोरोना संकट के मद्देनजर राज्य भर में पटाखों पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक जनहित याचिका दायर की थी।

हालांकि, मुंबई (Mumbai) उच्च न्यायालय ने गुरुवार को राज्य सरकार के आश्वासन के बाद पटाखे प्रदूषण पर राज्यव्यापी प्रतिबंध जारी करने से इनकार कर दिया कि वह 9 नवंबर को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा दिए गए निर्देशों का कड़ाई से पालन करेगी।

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पटाखों से होने वाले प्रदूषण के कारण लोगों की रोग प्रतिरोधक शक्ति कम होगी जिससे कोरोना के अधिक बढ़ने के चांस हैं। इसको ध्याम में रखते हुए एनजीटी ने देशभर के उन शहरों जिनमें पिछले साल हवा की गुणवत्ता खराब थी उन शहरों में पटाखों की विक्री व उपयोग पर 9 नवंबर से बंद करने का आदेश जाहिर किया है।

इसी को आधार मानकर  अनिरुद्ध देशपांडे व एडवोकेट सीम नाफडे ने जनहित याचिका दायर की, जिसमें अपील कि गई कि 10 से 20 नवंबर तक पूरे राज्य में पटाखों की खरीदी व विक्री बंद हो। जिसे मुंबई उच्च न्यायालय ने नकार दिया है। 

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