महिला और बालविकास मंत्री पंकजा मुंडे ने जानकारी दी है की अब राज्य में अनाथ बच्चों को उनके विभाग से ही प्रमाणपत्र दिया जाएगा। महिला और बालविकास मंत्रालय के सहायक आयुक्त की ओर से इन प्रमाणपत्रों को अनाथ बच्चों को दिया जाएगा।
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अनाथ बच्चों को उनके संगठन की समाप्ति के बाद सामान्य रूप से कई समस्याओं का सामना करना पड़ता था। इतना ही नहीं कई बार अनाथ बच्चों को शैक्षिक, आर्थिक, सामाजिक छूट और मिलनेवाली सुविधाओं से भी वंचित होना पड़ता था। सरकार ने अनाथ बच्चो के लिए एक फिसदी आरक्षण का फैसला किया है। छात्रावास में प्रवेश के लिए संबंधित विभाग को 18 से 21 वर्ष आयु वर्ग के अनाथ बच्चों को देने का आदेश दिया है।
आधार कार्ड के लिए चलाई जाएगा मुहिम
अनाथ बच्चो को जल्द से जल्द आधार कार्ड मिल सके इसके लिए राज्य सरकार की ओर से विशेष मुहिम चलाई जाएगी। अनाथ लड़कियों से विवाह करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।