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कंपनियों को हैंड सैनिटाइज़र का निर्माण बढ़ाने का आदेश

सरकार ने हैंड सैनिटाइजर की कला बाज़ारी करने वालो के खिलाफ भी सख्त कदम उठाने का फैसला किया है

कंपनियों को  हैंड सैनिटाइज़र का निर्माण बढ़ाने का आदेश
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राज्य के  खाद्य एवं औषधि प्रशासन मंत्री डॉ. राजेंद्र शिंगाने ( rajendra shingane)  ने कंपनियों को  हैंड सैनिटाइज़र ( hand sanitizer) का निर्माण बढ़ाने के लिए कहा है इसके साथ ही उन्होंने डुप्लिकेट ( Duplicates) और मिलावटी सामान पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी (Warning) दी है।  उन्होंने कहा कि कालाबाजारी ( black marketing )करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

एफडीए अधिकारियों के साथ बैठक

डॉ.शिंगाने ने स्थानीय प्रशासन द्वारा डुप्लीकेट सैनिटाइज़र को जब्त करने के बाद नासिक में एफडीए अधिकारियों के साथ मैराथन बैठक की।  उन्होंने कहा, "एफडीए ने राज्य भर में लगभग 22 छापे मारे हैं और 1.50 करोड़ रुपये के नकली सैनिटाइज़र जब्त किए हैं," ।उन्होंने स्वीकार किया कि मास्क और सैनिटाइज़र की मांग में उछाल आया है।  इसलिए, सरकार ने निर्माताओं से उत्पादन बढ़ाने के लिए कहा है।

30 जून 2020 तक आदेश

डॉ. सिंगाने  का कहना है कि 30 जून, 2020 तकआवश्यक वस्तु अधिनियम (ईसीए) के तहत मास्क और हैंड सैनिटाइज़र लगाने के केंद्र के निर्णय की लोगों के लिए काफी अहम  है, ताकि बाजार ( bazaar) में इन वस्तुओं की उचित उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए उचित मूल्य पर सुनिश्चित किया जा सके।  


राज्यों को उत्पादन, गुणवत्ता और मास्क और हाथ सेनिटाइज़र के वितरण को विनियमित करने का अधिकार दिया है एफडीए (FDA )अधिकारी ने कहा कि प्रशासन( ADMINISTRATION) ने देखा है कि मांग में वृद्धि और कालाबाजारी के कारण सर्जिकल मास्क और एन 95 मास्क की अनुपलब्धता के मामले बढ़ गए थे इसके साथ ही उन्हें अत्यधिक दरों पर बेचा जा रहा है।


कुछ मामलों में, यह पाया गया कि 300 रुपये के खुदरा मूल्य वाले मास्क 1,000 रुपये से 1,200 रुपये के बीच में बेचे जा रहे हैं और 40 रुपये मूल्य के हैंड सैनिटाइज़र 100 रुपये से 200 रुपये के बीच बेचे जा रहे हैं। सरकार ने इस पर अंकुश लगाने का फैसला किया है।


  

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