Advertisement

Electricity Bill: बढ़े हुई लाइट बिल पर दीवाली तक होगा फैसला

साल 1981 में, टाटा पावर कंपनी ने मुंबई को बिजली आपूर्ती के लिए आईलैंड सिस्टम भी स्थापित किया। लेकिन, 12 अक्टूबर को हुए ब्लैक आउट ने अब इस पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

Electricity Bill: बढ़े हुई लाइट बिल पर दीवाली तक होगा फैसला
SHARES

लॉकडाउन (lockdown) में बढ़े हुए लाइट बिल को लेकर राज्य के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत (nitin raut) ने पत्रकारों से कहा कि बिजली कंपनियों द्वारा लॉकडाउन के दौरान भेजे गए बिजली बिलों में आम जनता को रियायतें देने के लिए सकारात्मक चर्चा चल रही है और इस पर दीवाली तक फैसला होने की संभावना है।

ऊर्जा मंत्री डॉ. नितिन राउत ने ट्रॉम्बे (trombey) में टाटा थर्मल पावर प्लांट का दौरा करने के बाद पत्रकारों से बात की। उन्होंने बिजली के बढ़े हुए बिलों पर सवाल का जवाब देते हुए कहा कि, कोविड के समय में घोषित लॉकडाउन के कारण कई लोगों के रोजगार पर प्रतिकूल प्रभाव डाला था। बिजली का उपयोग इसलिए बढ़ गया क्योंकि लोग घरों में रहने को मजबूर थे। जिसके चलते बिजली के बिल ज्यादा आए।  इसलिए इन बढ़े हुए बिजली बिलों को लेकर राहत की मांग की जा रही है। इस संबंध में सरकार के स्तर पर चर्चा चल रही है।

कुछ दिन पहले ब्लैक आउट (black out) के दौरान जानकारी देते हुए नितिन राउत ने कहा, टाटा (tata power) ने मुंबई में बिजली उत्पादन के लिए कई परियोजनाएं शुरू की हैं। साल 1981 में, टाटा पावर कंपनी ने मुंबई को बिजली आपूर्ती के लिए आईलैंड सिस्टम भी स्थापित किया। लेकिन, 12 अक्टूबर को हुए ब्लैक आउट ने अब इस पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने कहा, ऊर्जा विभाग ने बिजली गुल होने के कारण का पता लगाने के लिए एक तकनीकी लेखापरीक्षण समिति की नियुक्ति की है। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण और महाराष्ट्र विद्युत नियामक आयोग (एमईआरसी) ने अलग-अलग समितियों का गठन भी किया है। मुंबई के लिए पॉवर ट्रांसमिशन सिस्टम के साथ-साथ आईलैंड प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए क्या किया जाना चाहिए? इस संबंध में एक अध्ययन किया जा रहा है और अगले साल आधुनिकीकरण के उपायों को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।

उन्होंने आगे कहा, 12 अक्टूबर की घटना की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए महापारेषण, एसएलडीसी, टाटा पॉवर और अडानी पावर कंपनी के बीच एक सक्षम और समन्वय तंत्र स्थापित करने का निर्देश दिया है। मुंबई की बिजली की मांग 2030 तक लगभग 5,000 मेगावाट तक पहुंचने की उम्मीद है।  इस जरूरत को देखते हुए, मुंबई को निर्बाध बिजली आपूर्ति प्रदान करने के लिए, बिजली उत्पादन बढ़ाने के लिए विचार किया जाएगा, इसके लिए योजना बनाई जाएगी, इसकी उत्पादन दर क्या होगी, आदि।  वर्तमान में, टाटा पावर प्लांट के दो सेट बंद हैं और उनसे अधिक बिजली उत्पन्न की जा सकती है और उत्पन्न बिजली की दर उचित होगी।

Read this story in मराठी or English
संबंधित विषय
Advertisement
मुंबई लाइव की लेटेस्ट न्यूज़ को जानने के लिए अभी सब्सक्राइब करें