गुरुवार को भांडुप में 16 छात्रों को फुड प्वॉईजनिंग की शिकायत के बाद उन्हे अस्पताल में भर्ती कराया गया। खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने इस मामले की जांच की और पाया कि ठेकेदार के पास खाना बनाने का लाइसेंस नहीं है।इसके बावजूद, सह्याद्री विद्यामंदिर प्राइवेट स्कूल ने लिंगेश्वर महिला मंडल को इसके लिए ठेका दिया। स्कूल और ठेकेदार दोनों ने खाद्य सुरक्षा मानकों का उल्लंघन किया है और छात्रों के जीवन के साथ खिलावाड़ किया।
एफडीए जांच के लिए मौके पर पहुंची
गुरुवार दोपहर 11:00 बजे छात्रों को भोजन देने के बाद उन्हे पेट में दर्द, मतली और उल्टी की शिकायत होने लगी। 16 छात्रों के साथ, एक शिक्षक को मुलुंड में अग्रवाल अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
छात्रों की स्थिति वर्तमान में स्थिर है। इसके बारे में जानकारी प्राप्त करने के बाद एफडीए जांच के लिए मौके पर पहुंची थी।
बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के संयुक्त आयुक्त शैलेश अधव ने मुंबई लाइव को सूचित किया कि लिंगेश्वर महिला मंडल के पास लाइसेंस नहीं था और स्कूल ने छात्रों को भोजन तैयार करने के लिए अनुबंध दिया था।
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खाद्य सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करने के लिए कानून को किसी भी खाद्य-संबंधित व्यवसाय के लिए एफडीए द्वारा अनुमोदित लाइसेंस प्राप्त करने की आवश्यकता है। हालांकि, मंडल के पास समान नहीं है और इससे सवाल उठता है कि स्कूल ने उन्हें अनुबंध क्यों दिया।
लिंगेश्वर महिला मंडल के खिलाफ एफडीए अनुमोदित लाइसेंस रखने और कानून का उल्लंघन करने के लिए मजबूत कार्रवाई की जाएगी। यह भी पता चला है कि खाद्य सुरक्षा मानकों अधिनियम के अन्य प्रावधानों का भी उल्लंघन किया गया है।