कहते हैं साहस और बुद्धि की पहचान अकसर मुश्किल समय में ही होती है। इसी साहस और बुद्धि की जीती जागती मिसाल बनी हैं मात्र 11 साल की बच्ची जेन सदावर्ते। बुधवार को जब मुंबई के परेल में स्थित क्रिस्टल टावर में आग लगी तो सभी अपनी अपनी जान लेकर भाग खड़े हुए लेकिन जेन ने धैर्य नहीं होते हुए घरेलू तकनीक का इस्तेमाल कर अपने परिवार तथा पड़ोसियों के कुल 17 लोगों की जिंदगी बचाई।
क्या था मामला?
बुधवार सुबह 8 बजे के लगभग क्रिस्टल बहुमंजिला इमारत में जैसे ही आग लगी, चीख पुकार मच गयी। जेन सदावर्ते उस समय सो रही सो रही थी। जेन बताती है कि वह लोगों की चीख पुकार सुनकर उठ गई। पड़ोसियों के चीखने की आवाजें सुन कर लगा कि कुछ गड़बड़ है। उन्होंने जैसे ही खिड़की खोला वैसे ही घर के अंदर धुंआ भर गया और लोगों को सांस लेने में कठिनाई होने लगी।
लिया हिम्मत से काम
इसके बाद जेन ने बुद्धि से काम लेते हुए घर में मौजूद कॉटन के कपड़ों फाड़ा और उन्हें गीला कर लोगों को थमा दिया। सभी लोगों ने उस कपड़े को मुंह से लगा लिया और सांस लेने लगे। इससे लोगों को राहत मिली। जेन आगे कहतीं हैं कि इसके बाद वे सभी को एक अलग कमरे में ले गयीं और एयर प्यूरिफायर के सामने मुंह करके खड़ा कर दिया। तब लोगों की जान में जान आई। इस तरह से जेन ने अपने घर और पड़ोसियों सहित कुल 17 सदस्यों की जान बचाई।
कक्षा 6वीं में पढ़ने वाली बच्ची आगे कहती है कि दमकल कर्मियों ने सभी को नीचे आने के लिए कहा, लेकिन हम स्थिति सामान्य होने के बाद ही नीचे उतरे।
घरेलू तकनीक से बची जान
इस घरेलू तकनीक के बारे में बताते हुए जेन कहती हैं कि कपड़े के वे गीले टुकड़े एक एयर प्यूरिफायर में तब्दील हो गए और इसकी मदद से लोगों ने जब सांस ली जो कार्बन की बजाय साफ हवा ही अंदर गई। जेन ने बताया कि यह टेक्निक उन्होंने उन्होंने अपने टीचर से सीखा था।
गौरतलब है कि क्रिस्टल नामके इस बिल्डिंग की 12वीं मंजिल में आग लगने से एक महिला सहित 4 लोगों की मौत हो गयी जबकि 20 से अधिक घायल हो गए।