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नेशनल मेडिकल कमीशन बिल के खिलाफ डॉक्टरों का 2 अप्रैल को देशव्यापी हड़ताल

डॉक्टरो का कहना है की चूंकि नेशनल मेडिकल कमीशन बिल चिकित्सा व्यवसाय के खिलाफ है, इसलिए पूरे देश के डॉक्टर 2 अप्रैल को हड़ताल पर होंगे।

नेशनल मेडिकल कमीशन बिल  के खिलाफ डॉक्टरों का 2 अप्रैल को देशव्यापी हड़ताल
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नेशनल मेडिकल कमीशन बिल मतलब राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग विधेयक के विरोध में डॉक्टरों ने 2 अप्रैल को देशव्यापी हड़ताल का आवाहन किया है। भारतीय चिकित्सा संघ (आईएएमए) ने भी इसका समर्थन किया है। डॉक्टरो का कहना है की चूंकि नेशनल मेडिकल कमीशन बिल चिकित्सा व्यवसाय के खिलाफ है, इसलिए पूरे देश के डॉक्टर 2 अप्रैल को हड़ताल पर होंगे। दिल्ली में डॉक्टरों की एक उच्च स्तरीय मीटिंग में इसका फैसला लिया गया।


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दिल्ली में हुई डॉक्टरों की बैठक

बैठक में पूरे देश के 25,000 चिकित्सकों ने भाग लिया । डॉक्टर नेशनल मेडिकल कमीशन बिल  में से कुछ मुद्दों को हटाने की मांग कर रहे है। इस बाबत डॉक्टरो ने कई बार सरकार को पत्र भी लिखा , लेकिन सरकार ने उनकी मांगो को नहीं माना है। लिहाजा अब अपनी आवाज को सरकार तक पहुंचाने के लिए देशभर के डॉक्टर इस हड़ताल में शामिल होंगे।


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महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष डॉ. शिवकुमार उत्तुरे का कहना है की "सरकार की गलत नीतियों के कारण देश में चिकित्सा व्यवसाय का नुकसान हो रहा है। नेशनल मेडिकल कमीशन बिल  में कुछ मुद्दे डॉक्टरों के खिलाफ हैं, नेशनल मेडिकल कमीशन बिल गरीबों के खिलाफ है, इस बिल में कुछ मुद्दे चिकित्सा व्यवसाय में भ्रष्टाचार को बढ़ा देंगे, संसदीय समिति द्वारा की गई सिफारिशों ठोस नहीं है "

संसदीय समिती की सिफारिश

  • ब्रिज कोर्स पर सख्ती ना की जाये। राज्य सरकार को राज्य की चिकित्सा सुविधाओं और जरूरतों को देखने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए।
  • राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग विधेयक में सदस्यों की संख्या को बढ़ाकर 29 की जाए। इन सदस्योॆ में से 9 सदस्यों को डॉक्टरों द्वारा चयनित किया जाये और 10 सदस्यों को राज्य की ओर से चुना जाना चाहिये।
  • एक्जिट परीक्षा को रद्द करना चाहिये, इस परीक्षा के कारण बच्चों पर काफी जदबाव बना रहता है। अच्छे कोचिंग के लिए पैसा खर्च करने में सक्षम नहीं होते है। एमबीबीएस परीक्षाओं को एक्जिट परीक्षा के रूप में माना जाना चाहिए।
  • देश के बाहर से मेडिकल की शिक्षा लेकर देश में आनेवाले डॉक्टरों के बारे में राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग से पुछताछ कर निर्णय लिया जाये।
  • राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के सभी सदस्य और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर संपत्ति के बारे में जानकारी सार्वजनिक की जाये।
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