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क्या अनलॉक 1.0 के आने से कंटेन्मेंट ज़ोन में रहने वालों की बदलेगी ज़िंदगी?

8 जून से मॉल, रेस्टोरेंट्स, होटल और रिलीजियस जगउ खोली जाएंगी। पर साथ ही कंटेन्मेंट ज़ोन और हाई रिस्क ज़ोन में लॉकडाउन 30 जून तक के लिए बढ़ा दिया गया है।

क्या अनलॉक 1.0 के आने से कंटेन्मेंट ज़ोन में रहने वालों की बदलेगी ज़िंदगी?
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देश के कई राज्यों और शहरों में खासकर मुंबई दिल्ली जैसे शहरों में कोरोना वायरस (Coronavirus) थमने का नाम नहीं ले रहा है। फिर भी देश को अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए केंद्र सरकार ने 30 मई को अनलॉक 1.0 का ऐलान कर दिया है। 8 जून से मॉल, रेस्टोरेंट्स, होटल और रिलीजियस जगउ खोली जाएंगी। पर साथ ही कंटेन्मेंट ज़ोन और हाई रिस्क ज़ोन में लॉकडाउन 30 जून तक के लिए बढ़ा दिया गया है। जिसके चलते इस ज़ोन में रहने वाले लोगों के जीवन में कोई खास बदलाव नहीं आया है।

तो सबसे पहले तो हम जानते हैं कि कंटेन्मेंट ज़ोन क्या होता है और यह किस तरह लागू होता है?

अगर किसी कॉलोनी, मोहल्ले, वार्ड में संक्रमण काफी ज्यादा फैल रहा है हो या किसी जिले की कुछ चुनिंदा इलाकों में ही कोरोना के ज्यादा केस आ रहे हो तो स्थानीय प्रशासन ऐसे इलाकों को अपने हिसाब से कंटेनमेंट जॉन की श्रेणी में रख लेता है। अगर किसी मोहल्ले में कोई को रोना का मरीज सामने आता है तो 400 मीटर तक के एरिया को कंटेनमेंट जोन में तब्दील कर दिया जाता है। अगर इस एरिया में दूसरा केस भी कोविड-19 का सामने आता है तो 1 किलोमीटर के एरिया तक को कंटेनमेंट जोन में तब्दील किया जा सकता है।

अब जानिए कंटेनमेंट जोन में क्या है अलाव और क्या नहीं है

कुछ जगह पर कंटेनमेंट जोन मैं राशन सब्जी और दूध बाहर से लाने की इजाजत होती है वही बहुत सी जगह पर होम डिलीवरी की सुविधा दी जाती है।

तो अनलॉक 1.0 के लागू होने के बाद भी कंटेनमेंट जोन मैं रहने वाले लोगों के जीवन में ज्यादा कुछ बदलाव नहीं आया है उन्हें बस जीवन आवश्यक चीजों की लेने की इजाजत रहेगी साथ ही उन्हें बाहर जाना और एक जगह से दूसरी जगह जाना अलाव नहीं रहेगा।

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