बारिश के शुरुआत में भी भले ही अभी कुछ दिन बाकी हो लेकिन रेलवे ने पहले से ही इसकी पूरी तैयारी में लग गई है। बारिश के मौसम में ट्रै क पर पानी ना भरे इसके लिए पश्चिम और मध्य रेलवे ने नीचले इलाको के पटरियों को उचा करने का फैसला किया है तो वही दूसरी ओर मॉनसून के दौरान स्टेशनों पर यात्रियों की ज्यादा भीड़ ना हो इसके लिए महाराष्ट्र सुरक्षा दल और आरपीएफ की कई टीमों को भी तैनात करने का फैसला किया है।
ड्रोन का इस्तेमाल
मध्य और पश्चिम रेलवे लाइनों पर जल भराव और भीड़ के लिए ड्रोन का उपयोग किया जाएगा। इसके अलावा, सभी स्टेशनों का सर्वेक्षण ड्रोन द्वारा किया जाएगा। साथ ही,
सुरक्षा,
दुर्घटनाओं और सुरक्षा की निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा।
ड्रोन का इस्तेमाल सेंट्रल रेलवे रूट पर मुंबई डिवीजन के 115 स्टेशनों पर नजर रखने के लिए किया जाएगा। इसी तरह सीएसएमटी से लेकर इगतपुरी, लोनावला तक ड्रोन के जरिए भीड़भाड़ वाले इलाकों पर फोकस किया जाएगा। मध्य रेलवे रोड पर मस्जिद , सैंडहर्स्ट रोड, भायखला, सायन, कुर्ला, विद्याविहार में भारी बारिश के कारण बड़ी मात्रा में पानी जमा होता है इस स्थान पर रेलवे कर्मचारियों, सुरक्षा विभाग और आधुनिक मशीनरी का उपयोग करके मानसून का प्रबंधन तैयार किया जा रहा है।
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विशेष ध्यान
बारिश के दौरान भीड़ को नियंत्रित करने के लिए रेलवे ने विशेष ध्यान दिया है। मध्य और पश्चिम रेलवे ने कुल ऐसे 23 रेलवे स्टेशनो को चुना है जिनपर रेलवे को बारिश के समय भीड़ के कंट्रोल पर ज्यादा ध्यान देने की जरुरत है। इन 23 स्टशनों में से मध्य रेलवे के 13 औऱ पश्तचिम रेलवे के 10 स्टेशन शामिल है। रेलवे की ओर से भीड़ को संयम में रखने के लिए आरपीएफ को स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी। पश्चिम रेलवे ने 10 मुख्य स्टेशनों के साथ साथ 33 ब्रिज की भी पहचान कर ली है।
यह भी पढ़े- बारिश के समय परेशानियों से बचने के लिए ट्रैक की उचाई बढ़ाएगी पश्चिम और मध्य रेलवे