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बारिश के समय परेशानियों से बचने के लिए ट्रैक की उचाई बढ़ाएगी पश्चिम और मध्य रेलवे

पश्चिम रेलवे (WR) और मध्य रेलवे (CR) ने फिलहाल उन ट्रेको की उचाई बढ़ाई का फैसला किया है जिनकी उचाई कम है और बारिश में अक्सर उन ट्रेक्स पर पानी भर जाता है।

बारिश के समय परेशानियों से बचने के लिए ट्रैक की उचाई बढ़ाएगी पश्चिम और मध्य रेलवे
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मानसून के मौसम में मुंबई को लगभग  हर साल बाढ़ की समस्या का सामना करता है, जिसके कारण ट्रेन सेवाएं बाधित हो जाती हैं। लिहाजा अब रेलवे ने  ट्रेन सेवाओं के बाधाओं को रोकने के लिए एक नई कार्य प्रणली पर काम कर रही है।   पश्चिम रेलवे (WR) और मध्य रेलवे (CR) ने फिलहाल उन ट्रेको की उचाई बढ़ाई का फैसला किया है जिनकी उचाई कम है और बारिश में अक्सर उन ट्रेक्स पर पानी भर जाता है।  

जुलाई 2018 में कई बार लगातार बारिश के कारण कई इलाको में ट्रैक पर पानी भर गया था जिसके कारण कई बार लोकल ट्रेनो को चलाने में काफी समस्या हुई।  पश्चिम उपनगरिय रेलवे ट्रेक पर वसई-विरार बेल्ट में बाढ़ जैसी स्थिति कई बार देखी गई है।   इस मानसून के दौरान  इन क्षेत्र में विशेष निगरानी रहेगी। पश्चिम रेलवे ने  निचले और बाढ़-ग्रस्त क्षेत्रों की पहचान की है, जिसमें ग्रांट रोड, प्रभादेवी (एल्फिंस्टन रोड), दादर, माटुंगा रोड-माहिम, बांद्रा-खार, अंधेरी-जोगेश्वरीऔर वसई-विरार सेक्शन के ट्रैक / यार्ड शामिल हैं

पश्चिम रेलवे की ओर से इस साल की बारिश में इन इलाको में काफी सावधानियां बरती जाएगी और इसके साथ ही इन इलाको में रेलवे की ओर से पानी को ट्रैक पर आने से रोकने के लिए खास तरह के बंदोबस्त किये जाएंगे।  रेलवे ने फैसला किया है की वे क्षेत्र जो समुद्र के स्तर से नीचे हैं और जहां जल-जमाव की संभावना अधिक है उन इलाको में   पटरियों को ऊपर उठाने की योजना बनाई है ताकि  लोकल ट्रेनें सुचारू रूप से चलती रहें। 


हार्बर लाइन पर और बांद्रा-खार डाउन स्लो लाइन पर माहिम यार्ड में, पटरियों को उठाने का काम पूरा हो गया है। पश्चिम रेलवे  ने मरीन लाइन्स, मुंबई सेंट्रल ,दादरऔर बांद्रा जैसे  निचले स्थानों पर लगभग 154 उच्च-शक्ति पंप स्थापित किए हैं।  दादर, और बांद्रा

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