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नालासोपारा में 41 अवैध इमारत मामला- ED ने मारा 13 जगहो पर छापा

रातों-रात 2500 से अधिक लोग बेघर

नालासोपारा में 41 अवैध इमारत मामला-  ED ने मारा 13 जगहो पर छापा
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नालासोपारा में 41 अवैध इमारतें गिराई गई है। इस मामले मे प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने वसई-विरार में 41 अवैध इमारतों के बहुचर्चित मामले में कल सुबह एक साथ 13 स्थानों पर छापे मारे। इस मामले में पूर्व पार्षद सीताराम गुप्ता और उनके भाई अरुण गुप्ता सहित अन्य के खिलाफ अछोले पुलिस स्टेशन में धन शोधन का मामला दर्ज किया गया है। (ED raids several places in the case of demolition of 41 illegal buildings in Nalasopara)

दावा किया गया कि 2006 में गुप्ता बंधुओं ने दूसरे आरोपी के साथ मिलीभगत करके सर्वे संख्या 22 से 30 तक सरकारी और निजी जमीन पर अतिक्रमण कर लिया था। इस जमीन के कुछ भूखंड डंपिंग ग्राउंड और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) के लिए आरक्षित थे। 2010 से 2012 के बीच इस भूखंड पर 41 चार मंजिला इमारतें बनाई गईं। आरोप है कि इसके बाद उन्होंने मिलीभगत करके फ्लैट को अन्य लोगों को बेच दिया।

वसई-विरार महानगरपालिका के अधिकारियों पर लापरवाही बरतने का आरोप

इस मामले में वसई-विरार महानगरपालिका के अधिकारियों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया जा रहा है। इस पूरे घोटाले को न केवल जानबूझकर नजरअंदाज किया गया, बल्कि निगम को इस बात का एहसास फ्लैट की बिक्री पूरी होने के बाद ही हुआ कि यह जमीन सरकारी है।

इन इमारतों पर की गई कार्रवाई के कारण लगभग 2,500 लोग बेघर हो गए तथा कहा जाता है कि उनकी जीवन भर की बचत नष्ट हो गई। ईडी फिलहाल वित्तीय अनियमितताओं और धन शोधन की संभावना की जांच कर रही है। सीताराम गुप्ता की विभिन्न स्थानों पर संपत्ति, बैंक खातों और लेनदेन से संबंधित दस्तावेजों की जांच की जा रही है। इस मामले ने एक बार फिर वसई-विरार में प्रशासनिक लापरवाही और राजनीतिक संरक्षण पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

क्या है मामला

बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बाद नालासोपारा पूर्व के अग्रवाल नगर में 41 अवैध इमारतों को गिरा दिया गया। इसके कारण रातों-रात 2,500 लोग सड़कों पर उतर आए। इन 41 इमारतों का निर्माण 35 एकड़ के डंपिंग ग्राउंड पर अवैध रूप से किया गया था। मुंबई उच्च न्यायालय के आदेश के बाद पिछले वर्ष 23 जनवरी को ध्वस्तीकरण अभियान शुरू हुआ था। इस स्थान पर परिवारों ने घर खरीदने के लिए कड़ी मेहनत की।

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