सरकार ने वाहन चालकों को राहत देते हुए FASTag खरीदने की और बिना जुर्माने के टोल प्लाजा से निकलने के अवधि को 30 दिनों के लिए बढ़ा दिया है। ऐसा FASTag मिलने में हो रही दिक्कतों को देखते हुए किया गया है। हालांकि नेशनल हाईवे पर स्थित सभी टोल प्लाजा की तैयारी के लिहाज से FASTag के उपयोग को रविवार से अनिवार्य कर दिया गया है। इसके पहले NHAI के अनुरोध पर ही सड़क मंत्रालय ने इससे पूर्व FASTag अनिवार्यता की तारीख को पहली दिसंबर से बढ़ाकर 15 दिसंबर किया गया था।
देश में FASTag का पर्याप्त उत्पादन नहीं होने से इसकी आपूर्ति मांग के मुकाबले काफी कम है। अभी FASTag निर्माताओं की कुल दैनिक उत्पादन क्षमता अधिकतम 50,000 टैग बनाने की है। जबकि निर्माताओं के पास पहले से 18 लाख FASTag की आपूर्ति के ऑर्डर पड़े हुए हैं, जिन्हें वे पूरा नहीं कर पा रहे हैं।
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रिपोर्ट्स के अनुसार सरकार ने NHAI से कहा है कि, 30 दिनों तक कम से कम एक-चौथाई लेन को हाइब्रिड लेन में बदलने की व्यवस्था करे। इसका मतलब है कि 8 लेन वालों सड़कों पर स्थित टोल प्लाजा को कम से कम 2 लेन में इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन के अलावा कैश में भी भुगतान स्वीकार करने होंगे। इसी तरह से 12 लेन वालो सड़कों पर 3 लेन कैश के लिए होंगी। इससे कैश भुगतान करने वाले वाहन चालकों को लंबी कतारें नहीं लगानी पड़ेंगी।
बताया जा रहा है कि आने वाले समय में सरकार इन हाइब्रिड लेन की संख्या को कम कर सकती है ताकि लोग जल्दी से जल्दी FASTag लेने का प्रयास करें। अगर वाहन चालक इन 30 दिनों में भी FASTag नहीं यूज करते हैं तो उनसे दोगुना टोल वसूला जाएगा।