राज्य में लंपी(Lumpy diseas) रोग ने राज्य सरकार और किसानों की नींद उड़ा दी है। लंपी रोग की वजह से कई जानवर पीड़ित हैं जिसके कारण पशु पालक परेशान है। किसान के सामने सवाल यह है कि इसका समाधान क्या किया जाए। अब राज्य सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। इसके अनुसार राज्य में शत-प्रतिशत पशुधन का टीकाकरण किया जाएगा।
सरकार ने यह बड़ा ऐलान इसलिए किया है क्योंकि लंपी ने राज्य को लेकर चिंता जताई है।
राज्य में शत-प्रतिशत पशुओं का टीकाकरण किया जाएगा। सरकार ने 5 किमी के दायरे की सीमा हटा दी है। किसान को टीकाकरण और दवा का खर्च नहीं उठाना पड़ेगा। सरकारी पशु चिकित्सा मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने उपायों को लागू करने में भाग लिया है। सरकार ने विश्वास जताया है कि वह पशुओं की बढ़ती बीमारी को नियंत्रित करने में सफल होगी।
एकमुश्त रोग नियंत्रण के लिए एक कार्यबल का गठन किया गया है। पशुओं को बचाने के लिए अब टीकाकरण पर जोर दिया जा रहा है। राज्य सरकार ने पशुपालन आयुक्त की अध्यक्षता में एक एक्शन ग्रुप का गठन किया है। इसमें पशु चिकित्सा, पशु चिकित्सा महाविद्यालय, सूक्ष्म जीव विज्ञान आदि के विशेषज्ञ अधिकारी शामिल हैं। 14 सितंबर तक राज्य के 22 जिले इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं।
लंपी रोग ढेलेदार त्वचा रोग पूरे देश में घातक रूप से फैल रहा है और केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार, घातक वायरस के कारण 67000 जानवरों की मौत हो चुकी है।
महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में बीमारी की स्थिति पर कुछ आंकड़े भी जारी किए हैं और बताया है कि अब तक कुल 21 प्रभावित जिलों में 43 जानवरों की मौत हो चुकी है।