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आखिर सरकार इन सरकारी बाबुओं पर इतनी मेहरबान क्यों?


आखिर सरकार इन सरकारी बाबुओं पर इतनी मेहरबान क्यों?
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मुंबई – सरकारी आवास को लेकर बाबुओं का मोह कितना है इसका जीता जागता उदाहरण एक जनसूचना अधिकार के तहत मिली जानकारी से सामने आया है। मिली जानकारी के अनुसार 11 सरकारी बाबुओं पर आवास किराए के रूप में सरकार का करीब 91 लाख 48 हजार 503 रूपये बाकी है। यही नहीं इनमें से छह बाबू ऐसे हैं जिन्होंने रिटायर अथवा तबादला होने के बाद भी एलॉट हुए सरकारी आवास को खाली नहीं किया है। जिला अधिकारी अश्विनी जोशी के आवास किराया को सरकार ने माफ़ कर दिया है इसी आस में अन्य सरकारी बाबू भी हैं कि शायद सरकार की कृपा दृष्टि कभी तो उनके ऊपर भी पड़ेगी। इसी आस में वे भी अपना आवास किराया नहीं भर रहे हैं।  

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने सार्वजनिक निर्माण विभाग से सूचना मांगी थी कि किस सरकारी अधिकारी का आवास किराए के रूप में कितना पैसा बाकी है। इसके उत्तर में जो जानकारी सामने आई है वो वाकई में चौकाने वाली है। जानकारी के अनुसार 11 सरकारी अधिकारियों पर सरकार का आवास किराये के रूप में कुल 91 लाख 48 हजार 503 रूपये बकाया है। जबकि 11 में से छह ऐसे अधिकारी हैं जिन्होंने रिटायर या तबादले के बाद भी अपने घर को खाली नहीं किया है।

बकाया अधिकारियों के नाम और बकाया राशि इस प्रकार है –


अधिकारी का नाम और पद
 बकाया राशि
1)आईएएस अधिकारी कमलाकर
 24, 15,496
 2) राजेंद्र अहिरराव, महाव्यवस्थापक, एमआईडीसी
5,96,260
3) धनाजी तोरस्कर , उपजिलाधिकारी
6,04,400
4) सुधीर जोशी
8,21,852
5) अशोक कुमार शर्मा , वरिष्ठ पुलिस अधिकारी
4,97,085
6) अशोक सोलनकर
2,14,847
7) प्रकाश कुमार राहुले , सेवानिवृत्त न्यायाधीश
6,93, 085
8) प्रकाश राठोड़  
7,96, 375
9) टी. एम. जहागीरदार  
4,86,036
10)  सुधीर खानापुरे , सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी
2,65,545
11) प्रेमकुमार जैन  
17,57,272

 

सरकारी बाबुओं द्वारा सरकार को ही चूना लगाने के इस वाकये से सरकारी की चुप्पी आशंका जाहिर करती है कि कहीं इसमें कुछ झोल तो नहीं है। गलगली ने इन अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है। साथ ही गलगली ने आवास किराया को माफ़ करने की परम्परा को गलत बताया।

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