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मुंबई में जर्जर इमारतों की मरम्मत को लेकर सरकार जल्द ही उठाएगी कदम


मुंबई  में जर्जर इमारतों की मरम्मत को लेकर सरकार जल्द ही उठाएगी कदम
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मुंबई शहर में जर्जर इमारतों की मरम्मत कराना जरूरी है। भवन मरम्मत हेतु धन की आवश्यकता है। उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजित पवार ने विधानसभा में प्रश्नोत्तर काल के दौरान बताया कि इन इमारतों के लिए धन के प्रावधान को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे,उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस से चर्चा कर कोई रास्ता निकाला जाएगा। (Government will soon take steps to repair dilapidated buildings in Mumbai)

सदस्य मंगेश कुडालकर ने ओपेरा हाउस में मेहता महल बिल्डिंग को लेकर सवाल उठाया। इस प्रश्न पर चर्चा के दौरान सदस्य रवींद्र वायकर, योगेश सागर, अजय चौधरी, मिहिर कोटेचा, अमित देशमुख, वर्षा गायकवाड़ ने भी उप प्रश्न लगाए।

उद्योग मंत्री उदय सामंत ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि मुंबई में बिल्डिंग की स्थिति के अनुसार सी-1, सी-2, सी-3 जैसी श्रेणियां बनाई गई हैं. सी-1 श्रेणी खतरनाक इमारतों के लिए है। इस श्रेणी में मुंबई शहर में 210 इमारतें हैं। जर्जर भवनों पर तकनीकी सलाहकार समिति है।

इस कमेटी का गठन हाईकोर्ट के निर्देशानुसार किया गया है। इस समिति में इस क्षेत्र के विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा। इसकी भी जांच की जाएगी कि मुंबई में इमारतों को सी-1 श्रेणी में कैसे लिया गया। इस प्रश्न पर चर्चा के दौरान विधानसभा अध्यक्ष एड. राहुल नार्वेकर ने तकनीकी सलाहकार समिति में सुधार करने और जर्जर इमारतों की मरम्मत के लिए धन उपलब्ध कराने का सुझाव दिया।

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