राज्य में 3 अक्टूबर 2022 तक 31 जिलों के 2151 गांवों में लंपी (lumpi) का प्रकोप देखा गया है। पशुपालन आयुक्त सचिन्द्र प्रताप सिंह (Sachindra Pratap Singh) ने बताया कि प्रभावित गांवों के 48,954 संक्रमित पशुओं में से 24,797 यानी करीब 50 प्रतिशत पशु इस बीमारी से मुक्त हो चुके हैं।
105.62 लाख पशुओं का नि:शुल्क टीकाकरण
सचिन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि राज्य में प्रभावित पशुओं का इलाज किया जा रहा है। प्रदेश के विभिन्न जिलों में आज 109.31 लाख वैक्सीन की मात्रा उपलब्ध करा दी गई है। इसमें से 105.62 लाख पशुओं का नि:शुल्क टीकाकरण किया जा चुका है। अकोला, जलगांव, कोल्हापुर, वाशिम और मुंबई उपनगर जिलों में टीकाकरण पूरा हो गया है।
राज्य के विभिन्न जिलों में सोमवार 3 अक्टूबर को 6 लाख वैक्सीन की मात्रा प्राप्त हो चुकी है। निजी संस्थानों, सहकारी दुग्ध समितियों और व्यक्तिगत चरवाहों द्वारा किए गए टीकाकरण के आंकड़ों के अनुसार लगभग 75.49% गोजातीय पशुओं का टीकाकरण किया गया है।
राज्य में 3 अक्टूबर तक जलगांव 326, अहमदनगर 201, धुले 30, अकोला 308, पुणे 121, लातूर 19, औरंगाबाद 60, बीड 6, सतारा 144, बुलडाना 270, अमरावती 168, उस्मानाबाद 6, कोल्हापुर 97, सांगली 19, यवतमाल 2, सोलापुर 22 , वाशिम 28, नासिक 7, जालना 12, पालघर 2, ठाणे 24, नांदेड़ 17, नागपुर 5, हिंगोली 1, रायगढ़ 4, नंदुरबार 15 और वर्धा 2 , कुल 1916 पशुधन की मौत हो गई हैं। उन्होंने कहा कि पशुपालक बिना किसी भय के आवश्यक सावधानी बरतें।
समय पर उपचार शुरू करना जरुरी
यदि लक्षण दिखने के बाद समय पर उपचार शुरू कर दिया जाए तो लंपी बीमारी का इलाज किया जा सकता है। इस रोग में मृत्यु की संभावना बहुत कम होती है और अधिकांश जानवर उपचार के प्रति अच्छी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
यदि विभाग की किसी सेवा की आवश्यकता है या गांठदार रोग के संबंध में जानकारी की आवश्यकता है, तो संबंधित निकटतम पशु चिकित्सा क्लिनिक / तालुका लघु पशु चिकित्सा क्लिनिक / जिला पशु चिकित्सा क्लिनिक या जिला पशुपालन उपायुक्त या पशुपालन विभाग के टोल फ्री नंबर से संपर्क कर सकते हैं।
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