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बांद्रा पूर्व में उच्च न्यायालय परिसर का शिलान्यास और अनावरण

बांद्रा में बनेगा नया हाईकोर्ट

बांद्रा पूर्व में उच्च न्यायालय परिसर का शिलान्यास और अनावरण
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न्यायालय भवन न केवल भव्य होने चाहिए, बल्कि संविधान में निहित न्याय, समानता, बंधुत्व और स्वतंत्रता के मूल्यों का प्रतीक भी होने चाहिए। मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई ने ज़ोर देकर कहा कि इनसे प्रत्येक नागरिक के लिए न्याय तक पहुँच आसान होनी चाहिए।

सरकारी कॉलोनी में कार्यक्रम 

नए उच्च न्यायालय परिसर का शिलान्यास और आधारशिला अनावरण समारोह बांद्रा पूर्व स्थित सरकारी कॉलोनी में आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, बॉम्बे उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्री चंद्रशेखर, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, लोक निर्माण मंत्री शिवेंद्रसिंह भोसले और न्यायपालिका, प्रशासन एवं पुलिस बल के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

नागरिकों, वकीलों और न्यायाधीशों को समान सुविधाएँ 

मुख्य न्यायाधीश गवई ने कहा कि न्यायालय भवनों का निर्माण केवल वास्तुकला का उदाहरण नहीं है, बल्कि यह देश के लोकतांत्रिक मूल्यों और न्यायपालिका में जनता के विश्वास को बनाए रखने वाली संस्था है। यह भवन केवल एक वास्तुशिल्प संरचना नहीं, बल्कि न्याय और पारदर्शिता का मंदिर है। यहाँ नागरिकों, वकीलों और न्यायाधीशों को समान सुविधाएँ मिलेंगी। प्रत्येक परियोजना में पर्यावरण-अनुकूल और हरित वास्तुकला पर ध्यान दिया गया है। महाराष्ट्र हमेशा से बुनियादी ढाँचे के क्षेत्र में अग्रणी रहा है। राज्य सरकार न्यायपालिका की आवश्यकताओं के अनुसार आधुनिक भवन, तकनीक और सुविधाएँ प्रदान कर रही है। यह परिसर एक आधुनिक और भव्य संरचना होगी जो राज्य की न्यायपालिका का प्रतीक होगी।

महाराष्ट्र के उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों, बार एसोसिएशनों और प्रशासनिक अधिकारियों के सहयोग की भी सराहना

मुख्य न्यायाधीश गवई ने राज्य के नागपुर, नासिक और छत्रपति संभाजीनगर स्थित न्यायिक परिसरों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इन सभी परियोजनाओं से न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता, गति और सुविधा बढ़ेगी। इस अवसर पर उन्होंने महाराष्ट्र के उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों, बार एसोसिएशनों और प्रशासनिक अधिकारियों के सहयोग की भी सराहना की। न्याय व्यवस्था को कुशल बनाने के लिए न्यायाधीशों और वकीलों को एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि न्यायपालिका का अच्छा प्रबंधन तभी संभव है जब दोनों घटक मिलकर काम करें।

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