बीएमसी ( bmc) का 'सभी के लिए पानी' नीति का कार्यान्वयन शुरू हो गया है और दहिसर में गणपत पाटिल नगर, वर्सोवा में सिद्धार्थ नगर, मानखुर्द, भीम नगर में महाराष्ट्र नगर की मलिन बस्तियों और झोपड़पट्टियों में आधिकारिक जल(Legal tap connections ) कनेक्शन देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। मुंबई से अब तक पानी के कनेक्शन के लिए करीब 700 आवेदन नगरपालिका के पास आ चुके हैं, यानी हर पांच परिवारों में एक।
जल माफियाओं से मिलेगी राहत
अवैध मलिन बस्तियों, ढोपड़पट्टियो, सड़कों और फुटपाथों पर झुग्गियों, केंद्र सरकार के भूखंडों पर मलिन बस्तियों को आधिकारिक जल कनेक्शन प्रदान नहीं किया गया था। इसलिए यहां रहने वालों को जल माफियाओं और झुग्गी-झोपड़ियों से पानी खरीदना पड़ता था, जिसके लिए लोगो को 10 से 20 लीटर के कैन के लिए 50 से 100 रुपये देने पड़ते थे।
पानी के इस कालाबाजारी मामले में जल अधिकार समिति की न्यायिक और प्रशासनिक लड़ाई सफल रही है। हालांकि भलेही झोपड़ी अवैध हो, लेकिन नगर पालिका ने कार्रवाई होने तक पानी की आपूर्ति करने का फैसला किया है। सभी के लिए जल नीति का कार्यान्वयन 1 मई 2022 से शुरू हो गया है। ऐसे में अवैध पानी कनेक्शन व पानी चोरी की आशंका ना के बरारबर है।
झुग्गियों में पानी की नालियां बिछाने के लिए नगर पालिका को आवेदन
जल अधिकार समिति इस नीति को लागू करने के लिए अनुवर्ती कार्रवाई कर रही है ताकि सभी को पानी मिल सके। झुग्गीवासियों ने बड़ी झुग्गियों में पानी की नालियां बिछाने के लिए नगर पालिका को आवेदन दिया है। इसे नगर पालिका से सिद्धार्थनगर और भीमनगर की मलिन बस्तियों में पानी के पाइप डालने की अनुमति मिल गई है।
जल अधिकार समिति के सीताराम शेलार ने बताया कि गणपत पाटिलनगर स्लम में पानी कनेक्शन की प्रक्रिया शुरू हो गयी है।
यह भी पढ़े- दिवंगत बालासाहेब की मृत्यु तक उनकी देखभाल करने वाले चंपासिंह थापा एकनाथ शिंदे समूह में शामिल