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कोरोना वायरस लॉकडाउन में कमाठीरा कीे सेक्स वर्कर इस तरह बिता रही हैं जिंदगी

यहां के रहिवासी बेहद ही छोटे कमरों में रहते हैं, अब कोविड-19 और लॉकडाउन के चलते इनकी रोजी रोटी भी नहीं चल पा रही है, यह उनके लिए सबसे मुश्किल भरा वक्त है।

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दशकों से मुंबई का कमाठीपुरा हजारों सेक्स वर्कर का घर रहा है। ये सेक्स वर्कर देश और दूसरे देशों के अलग अलग हिस्सों से लाए गए हैं। अब ये अस्वच्छता के साथ साथ अन्य कई तरह की समस्याओं का सामना कर रहे हैं। 

यहां के रहिवासी बेहद ही छोटे कमरों में रहते हैं, अब कोविड-19 और लॉकडाउन के चलते इनकी रोजी रोटी भी नहीं चल पा रही है, यह उनके लिए सबसे मुश्किल भरा वक्त है। 

मुंबई लाइव को दिए एक इंटरव्यू में एक मेंबर ने कहा, " लॉकडाउन की वजह से  लोग मुंबई छोड़ नहीं पा रहे हैं, जो कि एक बड़ी समस्या है। न तो उनके पास पैसे हैं और नाही सरकार उनकी तरफ ध्यान दे रही है। यहां पर बच्चों के लिए ना ही खाना है और ना ही दूध है। सिर्फ यहां पर कुछ एनजीओ लोगों की मदद कर रहे हैं। "

कुछ असहाय रहिवासियों का कहना है, "जब तक हमारी आमदानी शुरु नहीं होती, हम चाहते हैं कि हमारी कोई पैसा को लेकर मदद करे, ताकि  हम  अपने बच्चों को खिला पिला सकें। लोगों को यहां पर सरकार से कोई मदद नहीं मिल रही है। इसलिए लोग अब अपने घरों को लौटना चाहते हैं। यहां तक कि पुलिस भी मदद करने की बजाय और उलटा मारती है।  हम टीवी में देखते हैं सरकार मदद देने के कई वादे करती है , पर हमें कुछ नहीं मिल रहा। हम इसके लिए क्या करें?

इस एरिया में कुछ एनजीओ हर सप्ताह जरूरतमंदों की सहायता के लिए सामने आते हैं। पर उन्हें इसे बुरे वक्त के साथ साथ समाजिक स्टिगमा का भी सामना करना पड़ रहा है जो उनके सर्वाइवल को और भी ज्यादा मुश्किल बना रहा है। 

किसी तरह की आमदानी ना होने से फिलहाल यहां के रहिवासी घरों का किराया देने में समर्थ नहीं हैं। जहां कुछ रुम मालिक परिस्थिति को समझते हैं तो वहीं कुछ रुम मालिक कहते हैं कि रूम खाली कर दो और उनके डिपॉजिट में से पैसे कट करने की बात करते हैं।  

एक रहिवासी का कहना है, "हम जल्द ही घर खाली करेंगे और यहां से जाएंगे तो वापस नहीं आएंगे। हम यहां रहने के लिए अब क्या करेंगे? "

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