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बिकनी और लॉन्जरी पहने हुए पुतलों में कुछ भी अश्लीलता नहीं- बीएमसी

छह साल पहले बीएमसी की तत्कालीन महिला नगरसेवक ऋतू तावड़े ने इस पर आपत्ति जताई थी कि बाजारों में सरेआम कपड़ों की दुकानों पर लगे पुतलों को बिकनी याफिर लॉन्जरी पहना कर उन्हें दिखाया जाता है जो कि अश्लील है और इस पर रोक लगनी चाहिए।

बिकनी और लॉन्जरी पहने हुए पुतलों में कुछ भी अश्लीलता नहीं- बीएमसी
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बीएमसी ने कहा है कि कपड़ों की दुकानों में लगे पुतलों को लॉन्जरी या बिकनी पहनाने में उसे आपत्ति या फिर अभद्रता नजर नहीं आती, इसमें कुछ भी बुराई नहीं है। छह साल पहले बीएमसी की तत्कालीन महिला नगरसेवक ऋतू तावड़े ने इस पर आपत्ति जताई थी कि बाजारों में सरेआम कपड़ों की दुकानों पर लगे पुतलों को बिकनी याफिर लॉन्जरी पहना कर उन्हें दिखाया जाता है जो कि अश्लील है और इस पर रोक लगनी चाहिए।

घाटकोपर से जीत कर आने वाली बीजेपी की पूर्व नगरसेवक ऋतू तावड़े ने कहा था कि इस तरह के पुतलों को केवल विज्ञापन के लिए ही रखा जाता है लेकिन ऐसे पुतले महिलाओं के शरीर को प्रदर्शित करते हैं और इन्हे बच्चे सहित पुरुष का भी आकर्षण अनावश्यक रूप से आकर्षित होता है।

ऋतू तावड़े के इस बात का समर्थन करते हुए कांग्रेस की नगरसेवक और लॉ कमिटी की सदस्य ट्यूलिप मिरांडा ने भी कहा कि इस तरह के पुतले हमेशा से ही आपत्तिजनक होते है, मेरा मानना है कि हमारा समाज अभी इस तरह की चीजों के लिए तैयार नहीं है।

जबकि लाइसेंस विभाग के अधीक्षक शरद बंदे ने कहा कि स्थायी समिति में इस मुद्दे पर बार-बार चर्चा की गई है। साथ ही मुंबई जैसे अंतरराष्ट्रीय शहर में जहां तैराकी प्रतियोगिता और सौंदर्य प्रतियोगिता होती हैं, वहां महिलाओं के लिए इन्डेसेंट रिप्रेजेंटेशन ऑफ वुमन (प्रोहिबिशन) अधिनियम, 1986 के तहत इस तरह के पुतलों के बारे में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है।

लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि हम अवैध रूप से या फिर सड़क किनारे खड़े ऐसे पुतलों पर हमेशा से ही कार्रवाई करते हैं।  

जबकि इस बारे में लोगों का कहना है कि ये नगरसेवक लोगों की मुलभुत समस्याओं पर ध्यान देने की बजाय इस तरह के बातों पर ध्यान देते हैं जिनका कोई औचित्य नहीं है जबकि टीवी पर सैनिटरी नैपकिन काविज्ञापन आना आम बात है।

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