महाराष्ट्र में लंपी रोग ( lamp) के कारण अभी तक 4 हजार 221 मवेशियों की मौत के कारण उनके पशुपालकों के खातो में 10.85 करोड़ की राशि जमा करायी गयी है। राज्य के पशुपालन आयुक्त सचिंद्र प्रताप सिंह ने इसकी जानकारी दी है।
सचिंद्र प्रताप सिंह ने कहा, राज्य में 10 नवंबर 2022 के अंत तक 33 जिलों के कुल 3 हजार 469 संक्रमण केंद्रों में लंपी रोग का प्रकोप देखा गया है। प्रभावित गांवों में कुल 226791 संक्रमित पशुओं में से कुल 156264 पशुधन उपचार से ठीक हो चुके हैं। बाकी घायल मवेशियों का इलाज किया जा रहा है। प्रभावित पशुओं में से 14 हजार 970 पशुओं की मौत हो चुकी है।
राज्य के विभिन्न जिलों में आज कुल 144.12 लाख टीके उपलब्ध कराए गए हैं। जलगांव, अहमदनगर, धुले, अकोला, औरंगाबाद, बीड, उस्मानाबाद, कोल्हापुर, सांगली, सोलापुर, वाशिम, जालना, हिंगोली, नंदुरबार और मुंबई जिलों में कुल 137.09 लाख पशुओं का मुफ्त टीकाकरण किया गया है और टीकाकरण पूरा किया जा चुका है।
निजी संगठनों, सहकारी दुग्ध संघों और व्यक्तिगत पशुपालकों द्वारा किए गए टीकाकरण के आंकड़ों के अनुसार महाराष्ट्र में लगभग 97.98 प्रतिशत गोजातीय पशुओं का टीकाकरण किया गया है।
महाराष्ट्र एनिमल एंड फिशरीज यूनिवर्सिटी पशुपालन एवं ग्राम पंचायतें कीट नियंत्रण हेतु 7 अक्टूबर, 2022 को प्रकाशित दिशा-निर्देशों को अपनाकर राज्य में कीट नियंत्रण एवं विसंक्रमण के महत्वपूर्ण पहलुओं को लागू करें। महाराष्ट्र पशु और मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय से सरकारी और निजी पशु चिकित्सक। संशोधित उपचार निर्देश दिनांक 17 अक्टूबर 2022 के अनुसार उपचार करें।
सरकारी अधिकारियों को पशु प्रजनकों के पास जाना चाहिए और दवा और टीकाकरण का प्रबंध करना चाहिए। चूंकि सरकार ने मुफ्त दवा और टीकाकरण की योजना बनाई है, इसलिए सभी पशुपालकों से विशेष रूप से अनुरोध किया जाता है कि वे अपने पशुओं का इलाज कराने के लिए स्थानीय पशु चिकित्सा अधिकारियों के साथ सहयोग करें।
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