राज्य में बर्ड फ्लू (bird flu) का खतरा अभी कम नहीं हुआ है। राज्य के कई हिस्सों में पक्षियों की मौत का सिलसिला अभी भी बदस्तूर जारी है। एक अधिकारी ने इस बाबत बताया कि, मंगलवार 26 जनवरी को महाराष्ट्र में कुल 289 मृत पक्षी मिले, जिसके बाद मृत पक्षियों का आंकड़ा बढ़कर कुल 18,700 तक हो गई।
इस बीच, इन पक्षियों के नमूनों को भोपाल स्थित प्रयोगशाला में भेजा गया है, ताकि इस बात का पता लगाया जा सके कि, क्या ये पक्षी एवियन (avian influenza) इन्फ्लूएंजा विषाणु से संक्रमित थे?
रिपोर्टों के अनुसार, अधिकारी ने आगे बताया कि, मृत मिले इन 289 पक्षियों में से 260 पोल्ट्री पक्षी थे जबकि अन्य में बगुले, तोते, कौवे आदि शमील हैं।" अधिकारी ने आगे बताया, 51,090 पोल्ट्री पक्षी, आठ बतख, 38,798 अंडे और 55,476 किलोग्राम पोल्ट्री भोजन को अब तक महाराष्ट्र के संक्रमित क्षेत्रों में हो नष्ट किया गया है।
दूसरी ओर, मुंबई के नागरिक निकाय, बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) को मुंबई केे विभिन्न हिस्सों से पक्षियों की मौत की कुल 1,795 शिकायतें मिली। रिपोर्टों के अनुसार, इन मृत पक्षियों में कौवे, कबूतर और अन्य पक्षी शामिल हैं। बीएमसी के अनुसार, हाालांकि अभी तक चिकन से किसी की मौत नहीं हुई है। जबकि शहर में बर्ड फ्लू से दो मौतें होने की खबर है।
बर्ड फ्लू, जिसे एवियन फ्लू (avian flu) के रूप में भी जाना जाता है, यह उस वायरस से अलग होता है जो मनुष्यों को प्रभावित करता है, जिसे सामान्य फ्लू कहा जाता है। रिपोर्ट में बताया गया है कि पक्षियों के अलावा यह फ्लू, सुअर, बिल्लियों और अन्य जानवरों को भी प्रभावित करता है। यह मुख्यतः मुर्गियों और बत्तखों से फैलता है। इस वायरस का पहली बार पता साल 1996 में चीन में लगाया गया था। जबकि कुछ मामले मनुष्यों में, 1997 में हांगकांग में दर्ज किए गए थे। तब से यह बीमारी लगभग 50 देशों में फैल गई है। साल 2013 में, शोधकर्ताओं की एक टीम ने चीन में H7N9 नामक बर्ड फ्लू का एक नया स्ट्रेन मिलने का दावा किया था।