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इस बार बारिश में हिंदमाता और गांधी मार्केट नहीं डूबेगा, BMC ने की खास तैयारी

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (uddhav thackeray) ने शुक्रवार को एक ऑनलाइन बैठक के माध्यम से मुंबई BMC द्वारा किए गए प्री-मानसून कार्यों की समीक्षा की।

इस बार बारिश में हिंदमाता और गांधी मार्केट नहीं डूबेगा, BMC ने की खास तैयारी
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हर साल मानसून (monsoon) के मौसम में, मुंबई के हिंदमाता (hindmata) और गांधी मार्केट (gandhi market) जैसे निचले इलाकों में पानी भर होता है। लेकिन इस वर्ष, मुंबई महानगर पालिका (bmc) ने इन इलाकों में जल भराव को रोकने के लिए विशेष उपाय किए हैं। मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में इस उपाय की जानकारी दी गई।

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (uddhav thackeray) ने शुक्रवार को एक ऑनलाइन बैठक के माध्यम से मुंबई BMC द्वारा किए गए प्री-मानसून कार्यों की समीक्षा की।

इस अवसर पर, मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) के आयुक्त इकबाल चहल (BMC commissioner iqbal singh chahal) ने प्री-मॉनसून कार्यों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि, मुंबई में 2020 में औसत बारिश की तुलना में 64% अधिक बारिश हुई। मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार, प्री-मानसून जल निकासी और कीचड़ हटाने के काम अक्टूबर 2020 में ही शुरू किए गए थे। नतीजतन, प्रशासनिक प्रक्रिया और निविदा प्रक्रिया जल्दी पूरी हो गई और वास्तविक काम जल्दी शुरू हो गया।

मुंबई में बारिश का पानी जमा होने वाले ऐसे 406 संभावित स्थलों की पहचान की गई है और वहां आवश्यक कार्य शुरू किए गए हैं। इकबाल चहल ने यह भी कहा कि मुंबई में उन इमारतों को नोटिस जारी किए गए हैं जो 30 साल से अधिक पुरानी हैं और इनमें रहना खतरनाक हैं। खतरनाक इमारतों से लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना, सड़कों के गड्ढों को भरना आदि कार्य शुरू कर दिया गया है।

प्री-मानसून कार्यों की विस्तृत जानकारी BMC के अडिशनल कमिश्नर (परियोजना) पी. वेलारसु ने की तरफ से भी दी गयी। पिछले साल मुंबई में नदियों और नालों से कुल 5 लाख 04 हजार 125 मीट्रिक टन कीचड़ निकाला गया था। इस वर्ष, इसे 35 प्रतिशत बढ़कर 6 लाख 85 हजार 358 मीट्रिक टन कीचड़ निकाला गया है। जिसके बाद से अब तक 1 लाख 83 हजार 716 मीट्रिक टन या लगभग 35% कीचड़ को हटा दिया गया है।

वेलारसु ने कहा, हर साल, हिंदमाता और गांधी मार्केट के निचले इलाकों में पानी जमा होता है। पानी पहले की तुलना में अब तेजी से निकाला जाता है। फिर भी, इन दोनों स्थानों पर बड़े भूमिगत टैंक बनाए जा रहे हैं। यदि बारिश का पानी निचले इलाकों में भरना शुरू हो जाता है, तो पानी को इन टैंकों में छोड़ा जाता है। यह पानी ज्वार-भाटा आने के बाद समुद्र में छोड़ा जाएगा। इस तरह से यहां पानी निकाला जाएगा। 

इसी तरह, मुंबई से बारिश के पानी को निकालने के लिए इस साल 470 पंप किराए पर लिए जाएंगे।  वेलारसु ने कहा कि रेलवे सहित अन्य एजेंसियों ने अब तक अपने क्षेत्रों में सफाई और स्वच्छता का अच्छा काम किया है।

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