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राज्य में कामकाजी महिलाओं के लिए 50 छात्रावास शुरू होंगे

मुंबई, पुणे और ठाणे की तरह ही जिलों में काम करने वाली महिलाओं को भी बड़ी राहत मिलेगी

राज्य  में कामकाजी महिलाओं के लिए 50 छात्रावास शुरू होंगे
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राज्य सरकार केंद्र प्रायोजित "कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास" योजना में भी भाग लेगी।  राज्य में ऐसे छात्रावासों को चलाने का निर्णय राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया है।

केंद्र सरकार की इस योजना के दिनांक 22 नवंबर 2017 के दिशा-निर्देशों में आंशिक रूप से बदलाव किया गया है।  तद्नुसार, कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास निर्माण(Hostel) /किराये के आधार पर छात्रावास भवन के अनुदान की संशोधित योजना लागू की जाएगी।


कैबिनेट के फैसले से 'कामकाजी महिला छात्रावास' योजना को राहत मिलेगी, जिससे मुंबई, पुणे और ठाणे जैसे जिलों में काम करने वाली महिलाओं को बड़ी राहत मिलेगी। महिला एवं बाल विकास मंत्री यशोमती ठाकुर ने इसकी जानकारी दी। 

मंत्री ठाकुर ने कहा कि पहले की योजना केंद्र सरकार और गैर सरकारी संगठनों के 75:25 प्रतिशत हिस्से के सिद्धांत पर चलती थी।  केंद्र सरकार के 60 फीसदी, राज्य सरकार के 15 फीसदी और गैर सरकारी संगठनों के 25 फीसदी के सिद्धांत पर इस संशोधित योजना को लागू करने की मंजूरी दी गई है.  भवन निर्माण के लिए जगह की अनुपलब्धता, निर्माण में लगने वाले समय के साथ-साथ लागत को देखते हुए योजना को लागू करने में रुचि रखने वाले संगठन को उनके भवन किराए के लिए वार्षिक निधि प्रदान की जाएगी।


मुंबई उपनगरीय जिला 6, मुंबई शहर जिला 4, ठाणे जिला 4, पुणे जिला 4 और राज्य के शेष 32 जिलों के लिए प्रत्येक  जिले में प्रति छात्रावास की क्षमता वाले कुल ५० छात्रावासों को मंजूरी दी गई है।  छात्रावास भवन के लिए फर्नीचर केंद्र : राज्य 60:40 प्रतिशत 50 छात्रावासों के लिए राज्य का कुल हिस्सा एक करोड़ 50 लाख रुपये की एकमुश्त राशि स्वीकृत की गई है।

साथ ही छात्रावास के किराए के लिए राज्य सरकार का 15 प्रतिशत हिस्सा 75 लाख रुपये प्रतिवर्ष की दर से 1 लाख 50 हजार रुपये प्रति छात्रावास की दर से स्वीकृत किया गया है।  कैबिनेट ने किराए और फर्नीचर सहित कुल 2 करोड़ 25 लाख रुपये के खर्च को मंजूरी दी है।

ठाकुर ने कहा कि यह निर्णय मुंबई, पुणे और ठाणे में काम के लिए आने वाली महिलाओं के लिए एक सुरक्षित जगह खोजने में एक लंबा रास्ता तय करेगा।  इस योजना से एकल महिलाओं, विधवाओं, तलाकशुदा महिलाओं और विवाहित महिलाओं को भी लाभ मिलेगा जिनके शहर में परिवार का कोई करीबी सदस्य नहीं है।  इसके अलावा नौकरी की ट्रेनिंग ले रही महिलाओं के लिए 30 फीसदी तक सीटें आरक्षित रहेंगी।  इससे ऐसी महिलाओं को बेहतर रोजगार के अवसर प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।

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