महाराष्ट्र सरकार ने मछुआरों के लिए नए सुरक्षा उपाय शुरू किए हैं। मत्स्य पालन और बंदरगाह मंत्री नितेश राणे ने हाल ही में ससून डॉक का निरीक्षण किया और पाया कि बहुत से मछुआरों के पास आधार कार्ड नहीं थे। इसके बाद उन्होंने अधिकारियों को नए नियम लागू करने का निर्देश दिया।
शुक्रवार, 31 जनवरी को मत्स्य पालन आयुक्त किशोर तावड़े ने एक आधिकारिक आदेश जारी किया। आदेश के अनुसार, मछुआरों को अब बंदरगाहों से बाहर निकलते समय क्यूआर कोड वाले आधार कार्ड साथ रखने होंगे।
सरकार ने पोत पंजीकरण चिह्नों को भी अनिवार्य कर दिया है। आदेश में कहा गया है कि अब सभी मछुआरों के लिए क्यूआर कोड वाले आधार कार्ड अनिवार्य हैं। मछली पकड़ने वाले जहाजों पर भी अपना पंजीकरण नंबर प्रदर्शित करना होगा। नंबर केबिन की छत पर पेंट किया जाना चाहिए। यह जहाज के पीछे दोनों तरफ भी दिखाई देना चाहिए।
मछुआरों को मछली पकड़ने के टोकन तभी मिलेंगे जब वे इन नियमों का पालन करेंगे। अनुपालन के बाद ही लाइसेंस का नवीनीकरण किया जाएगा। यदि मछुआरे इसका पालन नहीं करते हैं, तो उनके लाइसेंस रद्द किए जा सकते हैं। महाराष्ट्र समुद्री मत्स्य पालन विनियमन अधिनियम, 1981 (संशोधित 2021) के तहत आगे की कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
यह नियम भारतीय मर्चेंट शिपिंग अधिनियम, 1958 की धारा 435 (एच) और महाराष्ट्र समुद्री मछली पकड़ने के विनियमन अधिनियम, 1981 (संशोधित 2021) की धारा 6 (4) का पालन करता है। तावड़े ने पुष्टि की कि ये नियम अब प्रभावी हैं।