रायगढ़, पालघर और ठाणे जिलों में धोखाधड़ी के शिकार 339 घर खरीदारों की शिकायतें महारेरा प्राधिकरण में दर्ज की गई हैं। इस शिकायत के अनुसार, यह पाया गया कि जिला प्रशासन नागरिकों को 202.78 करोड़ रुपये के रिफंड का भुगतान करने में देरी कर रहा है। (MahaRERA arrears will be recovered within three months! Revenue Minister Chandrashekhar Bawankule informed in the session)
वसूली अगले तीन महीनों में पूरी
लोकसत्ता ठाणे समाचार में भी इसकी लगातार रिपोर्टिंग की गई। इस पर ध्यान देते हुए जब बजट सत्र में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया तो राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने स्पष्ट किया कि यह वसूली अगले तीन महीनों में पूरी कर ली जाएगी और ग्राहकों को राहत प्रदान की जाएगी।
हालाँकि, यह देखा गया कि ठाणे, रायगढ़ और पालघर जिलों में वसूली पूरे राज्य के अन्य जिलों की तुलना में केवल तीन प्रतिशत कम थी।घर खरीदारों की विभिन्न शिकायतों की सुनवाई के बाद, महाराष्ट्र रियल एस्टेट अथॉरिटी (महारेरा) के माध्यम से संबंधित डेवलपर्स को मामला-दर-मामला आधार पर निर्दिष्ट अवधि के भीतर रिफंड प्रदान करने के आदेश दिए जाते हैं।
यदि डेवलपर्स इस अवधि के भीतर राशि का भुगतान नहीं करते हैं, तो इसे वसूलने की जिम्मेदारी स्थानीय कलेक्टर कार्यालय की होगी। हालाँकि, पिछले छह-सात वर्षों से ठाणे, रायगढ़ और पालघर जिला प्रशासन ने इसकी अनदेखी की है।339 घर खरीदारों को 202.78 करोड़ रुपये का रिफंड नहीं मिला है। इससे ग्राहक निराश हो गए हैं। महारेरा के अध्यक्ष मनोज सौनिक ने जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर इस संबंध में तत्काल कदम उठाने का अनुरोध किया था। हालाँकि, यह देखा गया कि जिला प्रशासन ने महारेरा के इन निर्देशों की अनदेखी की थी।
लोकसत्ता ठाणे में भी इसकी लगातार रिपोर्टिंग की गई। विधान परिषद विधायक निरंजन डावखरे ने हड़ताली माध्यम से सत्र में यह मुद्दा उठाया। ठाणे, रायगढ़ और पालघर में महारेरा संग्रह केवल तीन प्रतिशत है।इस संबंध में सरकार क्या कार्रवाई करेगी? क्या सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए तत्काल और त्वरित कार्रवाई करेगी कि महारेरा के माध्यम से मकान खरीदने वाले फ्लैट मालिकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो? क्या ठाणे, पालघर और रायगड में फर्जी महारेरा प्रमाण पत्र प्रस्तुत करके फ्लैट मालिकों को मकान बेचने वाले बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी?’ यह सवाल डावखरे ने उठाया।
इसका जवाब देते हुए राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि फ्लैट खरीदते समय डेवलपर्स द्वारा की जाने वाली धोखाधड़ी को रोकने के लिए महारेरा की स्थापना की गई है।यदि डेवलपर दोषी पाया जाता है तो जिला कलेक्टर के माध्यम से राशि वसूल की जाती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि लंबित मामलों का निपटारा इसी प्रकार किया जाएगा तथा शेष राशि अगले तीन माह में वसूल कर ली जाएगी।
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