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दुर्दशा पर आंसू बहाता माहिम का मछली मार्केट


दुर्दशा पर आंसू बहाता माहिम का मछली मार्केट
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माहिम - माहिम का मछली मार्केट अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है।1994 में तात्कालीन नगरसेवक मिलिंद वैद्य के द्वारा बनवाए गये इस मछली बाजार की मरम्मत नहीं होने के कारण अब बेहद ही जर्जर अवस्था में पहुंच चुका है। स्थानीय दुकानदारों के अनुसार इस मछली बाजार की तरफ कई दिनों से किसी ने ध्यान नहीं दिया। यहां कभी भी दुर्घटना घट सकती है। मनसे की नगरसेविका श्रद्धा पाटिल ने बताया कि जिस समय यह मछली बाजार बना था उस समय कोलियों की संख्या कम थी लेकिन समय के साथ दुकानदारों की संख्या बढ़ी और जगह छोटी होती चली गयी। अधिक भीड़ और जगह कम होने के कारण ग्राहक भी यहां कम आने लगे, जिसके कारण दुकानदार फुटपाथ पर बैठने लगे हैं। कुछ समय पहले दुकानदारों ने मरम्मत कार्य के लिए बीएमसी से निवेदन भी किया था लेकिन इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया।

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