महाराष्ट्र में सभी केंद्रीय सरकारी कार्यालयों, प्रतिष्ठानों, बैंकों, बीमा कंपनियों और रेलवे में हिंदी और अंग्रेजी के साथ मराठी भाषा का उपयोग अनिवार्य कर दिया गया है। सोमवार 26 मई 2025 को जिला कलेक्टर को इस निर्णय को सख्ती से लागू करने के आदेश दिए गए। (Marathi mandatory in central banks and other offices including railways)
मराठी सभी सरकारी कार्यालयों में अनिवार्य
त्रिभाषी फार्मूले के अनुसार, राज्य की भाषा मराठी को सभी सरकारी कार्यालयों में अनिवार्य कर दिया गया (2017 में)। लेकिन सरकार को शिकायतें मिली हैं कि बैंकों, टेलीफोन सेवा कंपनियों, बीमा कंपनियों, रेलवे, मेट्रो और मोनोरेल, हवाई अड्डों, पेट्रोल पंपों और कर कार्यालयों में मराठी का प्रयोग नहीं किया जा रहा है।
विभिन्न जनप्रतिनिधियों ने भी समय-समय पर इस मुद्दे को उठाया है। इसीलिए सरकार ने परिपत्र पुनः जारी करने का निर्णय लिया है। यह कदम शिवसेना (UBT) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना द्वारा बैंकों और अन्य प्रतिष्ठानों में मराठी भाषा के उपयोग की मांग को लेकर किए गए विरोध प्रदर्शन की पृष्ठभूमि में महत्वपूर्ण है।
यह कदम वर्ष के अंत में होने वाले स्थानीय निकाय चुनावों से पहले उठाया गया है, जिसमें शिवसेना (UBT) द्वारा मराठी मुद्दे को चुनावी ढाल के रूप में इस्तेमाल किए जाने की संभावना है।