महाराष्ट्र के कई जिलों में कोरोना वायरस (Coronavirus) एक बार फिर खतरनाक स्तर से बढ़ने लगा है। जिसके बाद फिर से लॉकडाउन (lockdown) लगाने की बात की जा रही है। इसे देखते हुए प्रवासी मजदूर (migrant workers) फिर से अपने गांव लौटने की तैयारी में जुट गए हैं। यानी फिर से वही स्थिति पैदा होने जा रही है जो पिछले साल लॉकडाउन लगाने के बाद प्रवासी मजदूरों की हो गई थी।
हालांकि महाराष्ट्र सरकार (maharashtra government) की तरफ से अभी तक ना तो लॉकडाउन की घोषणा की गई है और न तो कोई निर्णय किया गया है। बावजूद इसके लॉकडाउन की संभावित संभावनाओं को देखते हुए प्रवासी मजदूर ट्रेनों के टिकट धड़ाधड़ बुक कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार मुंबई से यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश जाने वाली ट्रेनों के टिकट मई तक बुक हो गए हैं।
बताया जा रहा है कि, जब से कोरोना बढ़ रहा है तब से मुंबई में काम करने वाले लगभग 10 लाख प्रवासियों ने अपने गृहनगर के लिए रवाना होने के लिए आवेदन किया है। जबकि अब तक लगभग 6.5 लाख प्रवासी ट्रेनों से अपने गांव जा चुके हैं तो वहीं 1.5 लाख लोगों ने अन्य परिवहन का उपयोग करके अपने गांव गए। हालांकि गांव लौटने के अन्य कारण जैसे त्योंहार, इलेक्शन, फसल का सीजन जैसे अन्य कारण भी हो सकते हैं।
यही नहीं देश के शीर्ष पांच राज्य ऐसे हैं जहां से श्रमिक बड़ी संख्या में ट्रेनों से अपने गांव जा रहे है, इनमें गुजरात (979), महाराष्ट्र (695), पंजाब (397), उत्तर प्रदेश (263) और बिहार (263) शामिल हैं। इसके अलावा जिन राज्यों में सबसे अधिक श्रमिक ट्रेंन से पहुंच रहे हैं उनमें उत्तर प्रदेश (1520), बिहार (1296), झारखंड (167), मध्य प्रदेश (121), ओडिशा (139)।ल जैसे राज्य शामिल हैं।
आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2020 और जून 2020 के बीच, एक करोड़ से अधिक श्रमिक मजूदर पैदल ही अपने-अपने राज्यों में चले गए। जहां कई मजदूर घायल हो गए, तो वहीं कुछ को अपनी जान भी गंवानी पड़ी। 22 सितंबर, 2020 को लोकसभा में लिखित रूप से जानकारी दी गई थी।