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मेट्रो वन का संचालन रिलायंस की जगह कर सकती है MMRDA

बता दें कि कथित तौर पर पहले से ही घाटे में चल रही मेट्रो वन को कोरोना वायरस महामारी के कारण पांच महीने के लिए बंद कर दिया गया था, जिसके कारण इसे काफी नुकसान उठाना पड़ा है।

मेट्रो वन का संचालन रिलायंस की जगह कर सकती है MMRDA
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रिलायंस को झटका देते हुए मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MMRDA) मुंबई में चल रही मेट्रो वन (Versova-Andheri-Ghatkopar) का संचालन अपने हाथ में ले सकती है।

इस समय मेट्रो वन का परिचालन अनिल अंबानी (anil ambnai) की रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर (Reliance Infrastructure) कर रही है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, मेट्रो वन (metro one) में रिलायंस (reliance) की हिस्सेदारी इस समय 69 फीसदी है, जबकि MMRDA की हिस्सेदारी 26 फीसदी है। लेकिन अब रिलायंस ने अपनी हिस्सेदारी को कम करने का फैसला किया है।

इसके अलावा, एमएमआरडीए और आर-इंफ्रा-प्रमोटेड एमएमओपीएल (R-infra-promoted MMOPL) के बीच कन्सेशन एग्रीमेंट (concession agreement) पर 7 मार्च, 2007 को हस्ताक्षर किए गए थे। यह प्रोजेक्ट सार्वजनिक-निजी भागीदारी (public-private partnership PPP model) मॉडल पर आधारित है, इस परियोजना की कुल लागत 2,356 करोड़ है।

मेट्रो वन में हर दिन 4.5 लाख यात्री सवारी करते हैं, साथ है इसकी एक दिन की कमाई औसतन 1 करोड़ रुपये है। हालांकि, घाटे में चल रही, रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने महाराष्ट्र सरकार को पत्र लिख इस बात की जानकारी दी है कि, वह मेट्रो-वन में अपने हिस्सेदारी को बेचना चाहती है।

बता दें कि कथित तौर पर पहले से ही घाटे में चल रही मेट्रो वन को कोरोना वायरस महामारी के कारण पांच महीने के लिए बंद कर दिया गया था, जिसके कारण इसे काफी नुकसान उठाना पड़ा है।

अपने घाटे को लेकर साल 2017 में मेट्रो वन नेे बॉम्बे हाई कोर्ट में दायर एक याचिका की सुनवाई में कहा था कि, उसे प्रति दिन 90 लाख का नुकसान हो रहा था। इस समय MMRDA पूरे मुंबई में 10 मेट्रो कॉरिडोर पर काम कर रहा है, लेकिन उनमें से कोई भी सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल पर आधारित नहीं है।

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