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बजट को लेकर संदीप देशपांडे के निशाने पर बीएमसी आयुक्त


बजट को लेकर संदीप देशपांडे के निशाने पर बीएमसी आयुक्त
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मुंबई - मनसे प्रवक्ता संदीप देशपांडे ने बजट को लेकर में बीएमसी आयुक्त अजॉय मेहता की आलोचना की है। देशपांडे ने आरोप लगाया कि आयुक्त के बजट में कटौती करने से कई परियोजनाएं प्रभावित होंगी। कामगारों की कटौती करने से आस्थापना खर्च कम नहीं होंगे, ऐसा होने पर अन्य विभाग के अधिकारियों के काम कर उपायुक्त और विभाग के सहायक आयुक्त पर ही जबाबदारी डाली जाएगी।

देशपांडे ने कहा कि हालांकि बीएमसी आयुक्त ने एक पारदर्शी बजट रखा है, लेकिन बजट के राजस्व में कटौती भी पूंजीगत व्यय में एक विफलता है। भविष्य में जीएसटी और सेवा कर लगाया जाएगा जो अच्छा रिटर्न का वादा नहीं होगा। यहां तक कि अगले पांच वर्षों में वह भी बंद हो जाएगा। बीएमसी संपत्ति कर और चुंगी कर के आधार पर राजस्व उत्पन्न करने में नाकाम रही है। पिछले साल 4,600 करोड़ रुपए संपत्ति कर के रूप में जमा हुए थे, लेकिन इस साल केवल 3,600 करोड़ रुपए तिजोरी में जमा हुए। जिसकी जांच होनी चाहिए

देशपांडे ने कहा कि शिवसेना और भाजपा ने संपत्ति कर को खत्म करने का झूठा आश्वासन दिया है, क्योंकि यह राज्य की अनुमति के बिना नहीं किया जा सकता है और एक ही सड़क कर लिए लागू है। अतिरिक्त आयुक्त के बजाय, अलग आयुक्त शहर और उपनगरों के लिए नियुक्त किया जाना चाहिए। इससे उपनगर के नगरसेवकों को बीएमसी मुख्यालय में नहीं आना होगा।

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