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'जनता के पैसे से नगरसवकों के लिए मोबाइल क्यों?'


'जनता के पैसे से नगरसवकों के लिए मोबाइल क्यों?'
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बीएमसी की बैठक में नगरसेवकों को मोबाइल और सिम कार्ड देने के प्रस्ताव को गट नेताओं की बैठक में नामंजूर कर दिया गया। बीजेपी ने विरोध किया कि कर देने वाले जनता की जेबो से नगरसेवकों के लिए फोन खरीदने की क्या आवश्यकता है? बीजेपी के इस विरोध का समर्थन सभी दलों ने किया, जिसके बाद मोबाइल और सिम वाले प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया गया।


फोटो : महापौर विश्वनाथ महाडेश्वर


'जब खुद का मोबाइल है तो खरीदने की क्या जरूरत'

बीएमसी में कुल 232 नगरसेवक हैं जिनमें 227 नगरसेवक चुने हुए और 5 नगरसेवक मनोनीत हैं। बैठक में यह प्रस्ताव लाया गया कि सभी नगरसेवकों को मोबाइल और सिम कार्ड बीएमसी के द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। उसी समय बीजेपी के गटनेता मनोज कोटक ने इसका भारी विरोध किया। उन्होंने कहा था किस सभी नगरसेवकों के पास उनके खुद के मोबाइल फोन हैं तो ऐसे में जनता के पैसो से मोबाइल खरीद कर देने की क्या जरूरत है?


महापौर ने प्रस्ताव किय नामंजूर 

कोटक की इस विरोध का विरोधी पक्ष नेता रवी राजा, सभागृह के नेता यशवंत जाधव, राष्ट्रवादी कांग्रेस की गटनेता राखी जाधव, सपा के ईस शेख, स्थायी समिती अध्यक्ष रमेश कोरगावकर, शिक्षण समिती की अध्यक्षा शुभदा गुडेकर ने भी अपना अपना समर्थन दिया। समर्थन मिलता देख महापौर विश्वनाथ महाडेश्वर ने इस प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया।




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