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मुंबई विश्वविदयालय ने छापा 'बोगस' मार्कशीट


मुंबई विश्वविदयालय ने छापा 'बोगस' मार्कशीट
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मुंबई विश्वविद्यालय में संपन्न हुयी आर्ट्स, कॉमर्स सहित अनेक विषयों का रिजल्ट 1 मार्च को ही घोषित कर दिया गया। लेकिन छात्रो को अभी तक मार्कशीट नहीं मिली है, जबकि मार्कशीट छप कर तैयार है। सूत्रों के अनुसार मार्कशीट में ‘पोस्ट’ की छपाई में गड़बड़ी के मद्देनजर इसे नहीं बांटा जा रहा है। मार्कशीट न मिलने के कारण कई छात्रों का दाखिला रुका हुआ है।

एमयू में साल 2011 में निगवेकर,काकोटकर और ताकवले कमिटी की स्थापना की गयी थी। इस कमिटी ने महाराष्ट्र पब्लिक युनिवर्ससिटी एक्ट तैयार किया था। इस एक्ट को अनेक बैठक और चर्चा के बाद आखिरकार बीजेपी सरकार ने पास कर दिया। 1 मार्च 2017 से इस एक्ट को लागु कर दिया गया। इस एक्ट के अनुसार विश्वविद्यालय में अनेक ‘पोस्ट’ के नाम बदले गये और कुछ पदों को हटा दिया गया।

1994 के एक्ट के अनुसार विश्वविद्यालय की मार्कशीट पर परीक्षा नियंत्रक का हस्ताक्षर होना जरुरी था, लेकिन 1 मार्च को पास हुए नए एक्ट के अनुसार अब मार्कशीटों पर परीक्षा निदेशक का हस्ताक्षर होना जरुरी है। मतलब पद का नाम बदल दिया गया है। यही कारण है कि छात्रों की मार्कशीट नहीं बदली जा रही है। उस मार्कशीट पर भी परीक्षा नियंत्रक के नाम से ‘पोस्ट’ अंकित है जबकि नए एक्ट के अनुसार ‘पोस्ट’ का नाम परीक्षा निदेशक होना चाहिए था। इसीलिए कयास लगाया जा रहा है कि इस भूलचूक के कारण अब लाखो छात्रों की मार्कशीट फिर से छापी जाएगी।

इस बारे में एमयू के रजिस्ट्रार एम.ए खान ने कहा है कि छात्रो को जल्द जल्द मार्कशीट मुहैया कराई जायेगी उनका साल बरबाद नहीं होगा।

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