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शाबास मुंबईकर! इस साल दिवाली में ध्वनी प्रदूषण में कमी


शाबास मुंबईकर! इस साल दिवाली में ध्वनी प्रदूषण में कमी
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केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण परिषद द्वारा जारी किए एक रिपोर्ट के अनुसार इस साल मुंबई में दिवाली के दौरान ध्वनि प्रदुषण कम रहा। इस बार मुंबईकरों ने पटाखें फोड़ने में कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई। इस साल, पिछलें दो सालों की तुलना में ध्वनि प्रदुषण में कमी आई है।

केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जारी की रिपोर्ट
पिछले दो सालों की तुलना में, दीवाली के दौरान इस साल ध्वनि प्रदुषण में कमी आई है। नरक चतुर्थी के दिन आठ अलग अलग जगहों पर किए गए परिक्षण में इस साल ध्वनि प्रदुषण के स्तर में कमी आई है।

ध्वनि प्रदुषण की है सीमा
2000 अधिनियम के अनुसार ध्वनि का स्तर अलग अलग स्थानों पर अलग अलग होना चाहीए। कुछ स्थानों पर आवाज की एक सीम दी गई है। जिसके अनुसार औद्योगिक क्षेत्र में दिन में 70 डीबी, व्यावसायिक क्षेत्र में दिन में 65, रात में 55 डीबी , रहीवासी इलाके में दिन में 55 डीबी, रात में 45 तो वही साईलेंट जोन में दिन में 50 डीबी और रात में 40 डीबी तक आवाज की सीमा होती है।

किन किन स्थानो पर की गई जांच
बांद्रा, अॅकवर्थ अस्पताल( वडाला) महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल कार्यालय (सायन), कांदिवली, पवई, चेंबूर, अंधेरी और एम्बेसिडर होटेल (चर्चगेट) पर ध्वनि प्रदुषण की जांच की गई।

रिपोर्ट के अनुसार, इन सभी स्थानों पर ध्वनि प्रदूषण का स्तर दो साल की तुलना में कम पाया गया है तो वही रिपोर्ट में रात के समय आठ में से दो जगहों पर ध्वनि प्रदुषण बढ़ा हुआ मिला।

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