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मुंबई पुलिस ने कलर कोड स्टिकर किया बंद

बताया जा रहा है कि, इसे लेकर नागरिकों में भ्रम था। कई लोगों को भ्रम था कि, वाहन पर किस रंग का स्टिकर लगाना है। मुंबई पुलिस से भी सोशल मीडिया के जरिए कई सवाल पूछे जा रहे थे।

मुंबई पुलिस ने कलर कोड स्टिकर किया बंद
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राज्य सरकार ने राज्य में कोरोना (Coronavirus) के प्रकोप को रोकने के लिए सख्त बंदी की घोषणा की है। साथ ही एमरजेंसी में बाहर निकलने वालों के लिए एक स्टिकर का भी प्रावधान किया गया था। यह स्टिकर 3 रंगों में था। जिसे अपनी जरूरत अनुसार वाहनों पर चिपकाया गया है। लेकिन अब पुलिस ने केवल 7 दिनों में ही इस कलर कोड स्टिकर (Colour code stickers) सिस्टम को बंद करने का आदेश दिया है।

बताया जा रहा है कि, इसे लेकर नागरिकों में भ्रम था। कई लोगों को भ्रम था कि, वाहन पर किस रंग का स्टिकर लगाना है। मुंबई पुलिस (mumbai police) से भी सोशल मीडिया के जरिए कई सवाल पूछे जा रहे थे। इसलिए, मुंबई पुलिस द्वारा विकसित यह प्रणाली उसके लिए सिरदर्द बनती जा रही थी। इसलिए, पुलिस ने इस कलर कोड के फैसले को वापस ले लिया है।इसके बाद से अब मुंबई में वाहनों पर लाल, पीले और हरे रंग के स्टिकर लगाना अनिवार्य नहीं होगा।

इसके पहले इस बारे में मुंबई पुलिस कमिश्नर ने कहा था कि, “हम राज्य सरकार द्वारा जारी नियमों के अनुसार लॉकडाउन (lockdown) को सख्ती से लागू कर रहे हैं। महत्वपूर्ण चौकियों और टोल प्लाजा पर ट्रैफिक जाम देखा जा रहा है। जिससे डॉक्टर, नर्स, एंबुलेंस, अस्पताल भी प्रभावित होते हैं। हम आवश्यक सेवा कर्मियों के वाहनों के लिए कलर कोड पेश कर रहे हैं।'

उन्होंने आगे कहा था कि, 'मुंबई में आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले वाहनों को कलर कोड जारी किए जाएंगे। सरकारी नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। क्या ये वाहनों एसेंशियल सेवा में काम कर रहे हैं? इसकी जांच की जाएगी।  क्या पुलिस, निगम, पत्रकार, डॉक्टर जैसे पोस्टर लगाकर किसी को फायदा हो रहा है?  इसकी भी जांच की जाएगी।

बता दें कि, मेडिकल स्टाफ वाहनों के लिए लाल स्टिकर, सब्जी वाहनों के लिए हरा स्टिकर और अन्य आवश्यक सेवाओं के लिए पीला स्टिकर तय किया गया था।

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