कोरोना (Coronavirus) के बढ़ते प्रचलन के कारण मुंबई सहित देश भर में लॉकडाउन (lockdown) लगाया गया है। इस लॉकडाउन (lockdown) से सभी के रोजगार और काम धंदों पर असर पड़ा है। इसके अलावा, लोकल ट्रेन (local train) सेवा को बंद करने के कारण मुंबई के डब्बेवालों का डब्बा पहुंचाने का काम भी बंद हो गया। जैसा कि पिछले 5 महीनों से सभी के कारोबार बंद है, तो ऐसे में सभी के सामने वित्तीय संकट पैदा हो गया है। डब्बेवाले भी इससे जुदा नहीं हैं, इसलिए, मुंबई डबवाले एसोसिएशन (mumbai dbbawala association) के अध्यक्ष सुभाष तलेकर (subhash talekar) ने मांग की है, 'लोकल ट्रेन सेवा शुरू करें, या फिर डब्बेवालों को प्रति माह 3,000 रुपये का अनुदान दें'।
लोकल ट्रेन सेवा पिछले 5 महीनों से बंद है। इसलिए, डब्बावाला सेवा (dbbawala service) भी बंद है। डब्बावालों के सामने रोजगार के अन्य कोई साधन नहीं होने के कारण उनके सामने भूखे मरने की नोबत आ गई है, परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है।
लॉकडाउन के दौरान अनलॉक (unlock) भी लगाया जा रहा है जिसमें धीरे धीरे छोटी बड़ी इंडस्ट्री को नियमो और शर्तों के साथ खोला जा रहा है।
अब सभी ऑफिस और कारखाने खुलने शुरू हो रहे हैं तो ऑफिस वालों सहित मजदूरों और श्रमिको ने भी काम करना शुरू कर दिए हैं।
होटल वाले भी खाना पार्सल दे रहे हैं, तो ऐसे में लोगों को डब्बावालों की सुध आ रही है वे खुद फोन करके डब्बावालों को खाना पहुंचाने की बात कर रहे हैं। लेकिन जब तक लोकल ट्रेन (local train) शुरू नहीं हो जाती, आर्थिक तंगी का सामना कर रहे डब्बावालों के पास बेकार बैठने के अलावा और कोई चारा नहीं है।
मुंबई डब्बावाला एसोसिएशन ने केंद्र सरकार से मांग की है कि मुंबई डब्बावाला फ़ूड डिलीवरी सर्विस को भी आवश्यक सेवा के रूप में माना जाना चाहिए और उन्हें भी लोकल ट्रेन में यात्राब करने की अनुमति मिलनी चाहिए।