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अंधेरी हादसे के लिए रेलवे जिम्मेदार - महापौर

मुंबई के महापौर और शिवसेना नेता विश्वनाथ महाडेश्वर सारा ठीकरा रेलवे पर फोड़ते हुए कहा है कि रेलवे के नियमानुसार अंधेरी ब्रिज दुर्घटना की पूरी जिम्मेदारी रेलवे विभाग की है। उन्होंने आगे कहा कि बीएमसी पहले भी लोगों के प्रति जिम्मेदार थी और आगे भी रहेगी।

अंधेरी हादसे के लिए रेलवे जिम्मेदार - महापौर
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अंधेरी ब्रिज हादसे को लेकर आरोप प्रत्यारोप के दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब मुंबई के महापौर और शिवसेना नेता विश्वनाथ महाडेश्वर सारा ठीकरा रेलवे पर फोड़ते हुए कहा है कि रेलवे के नियमानुसार अंधेरी ब्रिज दुर्घटना की पूरी जिम्मेदारी रेलवे विभाग की है। उन्होंने आगे कहा कि बीएमसी पहले भी लोगों के प्रति जिम्मेदार थी और आगे भी रहेगी।


कोर्ट ने लगाई फटकार 
इस हादसे के बाद रेलवे और बीएमसी अपनी जिम्मेदारियों से बचते नजर आ रहे थे। बीएमसी की तरफ से कहा गया कि इस ब्रिज के ऑडिट के लिए बीएमसी रेलवे को पैसा देती थी, इसीलिए यह जिम्मेदारी रेलवे की है। लेकिन कोर्ट ने इस मामले में रेलवे और बीएमसी दोंनो को फटकार लगाई। कोर्ट ने दोनों को कहा कि दोंनो को अपनी जिम्मेदारी ठीक से निभाना चाहिए। कोर्ट ने बीएमसी से कहा कि इस हादसे के लिए बीएमसी भी जिम्मेदार है।

हमारे अधिकारों में की गयी है कमी 
कोर्ट की फटकार के बाद महापौर महडेश्वर ने राज्य सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बीएमसी की जवाबदेही लोगों के प्रति है। बीएमसी ने भी कोर्ट में अपना पक्ष रखा है। उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार विविध प्राधिकरण से कार्य करवाती है और उन्हें ही सारे अधिकारी दिए जाते हैं, बीएमसी के अधिकार में कटौती की गयी है, अगर प्राधिकरण अपना काम ठीक से नहीं करेगा तो भी उसका दोष बीएमसी को ही दिया जाता है, यह राज्य सरकार की कमी है।

काम जांचना केंद्र और राज्य सरकार का काम 
महापौर ने राज्य सरकार को आड़े हाथो लेते हुए कहा कि प्राधिकरण का काम ठीक से हो रहा है कि नहीं इसे जांचना केंद्र और राज्य सरकार का काम है। हम अपनी जिम्मेदारियों से नहीं भाग रहे हैं लेकिन इस मामले में हमें राजनीति भी नहीं करनी है। महापौर बीएमसी सभागृह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने हादसे के प्रति अपना मत व्यक्त किया है कोई निर्णय नहीं दिया है।

जिम्मेदार कौन?
खैर यह पहली बार नहीं है जब हादसे के बाद संबंधित विभाग अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ते हैं। लेकिन इन हादसों से कोई सीख नहीं लिया जा रहा है। हादसे के बाद आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो जाता है और इन सब में पिसता हुआ नजर आता है आम आदमी

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