मुंबई में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या को देखते हुए, बीएमसी ने कुत्तों की नसबंदी का कार्यक्रम शुरू किया है। पिछले ढाई वर्षों में, 42,000 आवारा कुत्तों की प्रभावी रूप से नसबंदी की गई है। जून 2025 तक कुल 10,372 कुत्तों की नसबंदी की जा चुकी है।
रेबीज टीकाकरण पर भी ज़ोर
नसबंदी के अलावा, रेबीज टीकाकरण पर भी ज़ोर दिया जा रहा है। आवारा कुत्तों की संख्या को नियंत्रित करने का एकमात्र कानूनी तरीका नसबंदी है। 1994 से, बीएमसी नियमित रूप से नसबंदी और रेबीज टीकाकरण कार्यक्रम चला रही है।कुत्तों की संख्या में वृद्धि भोजन की आसान उपलब्धता के कारण हुई है। बीएमसी की उपायुक्त चंदा जाधव के नेतृत्व में किए जा रहे इन प्रयासों में 'ऑल अबाउट देम' और कई अन्य संगठन शामिल हैं।
1994 से जून 2025 के बीच, कुल 4,30,595 आवारा कुत्तों की नसबंदी
1994 से जून 2025 के बीच, कुल 4,30,595 आवारा कुत्तों की नसबंदी की गई। इनमें से 2023 से जून 2025 तक 42,175 कुत्तों का पंजीकरण किया गया। इनमें से 2023 में 14,954, 2024 में 16,849 और 2025 में 10,372 कुत्तों की नसबंदी की गई।गौरतलब है कि 1994 से दिसंबर 2023 तक कुल 4,03,374 नगरपालिका नसबंदी की गई। इनमें से 2014 से 2023 की अवधि में 1,47,084 कुत्तों की नसबंदी की गई।
2017 में 24,290 कुत्तों की नसबंदी की गई, जबकि 2015 में सबसे कम 6,414 कुत्तों की नसबंदी की गई थी। आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या पारिस्थितिकी तंत्र के लिए खतरा बन रही है। हालाँकि कुत्तों और मनुष्यों के बीच संघर्ष की संभावना बनी रहती है, लेकिन नगर निगम की निरंतर पहल से यह समस्या नियंत्रण में है।
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