बीडीडी पुनर्विकास परियोजना के अंतर्गत 100 साल पुरानी बीडीडी चॉल के पुनर्विकास को म्हाडा ने अपने हाथों में लिया है। जिसके मुताबिक बीडीडी की जगह पर गगनचुंबीय टॉवर तैयार किया जाना है। यहां के रहिवासियों को इस टॉवर में 500 स्केवयर फिट का फ्लैट मिलेगा। बीडीडी वासियों को राज्य सरकार-म्हाडा द्वारा दिखाया गया सपना कब पूरा होगा वह तो पता नहीं पर अभी छोटी सी ही बारिश में उनका हाल बेहाल हो उठा है।
शनिवार की सुबह से ही मुंबई में जगह जगह बारिश जारी है। मुंबई कुछ जगहों समेत ट्रैक भी पानी सेभर गए हैं। इससे भी बुरा हाल वरली स्थित बीडीडी चॉल क्रमाक 38, 39 और 40 क्रमांक इमारत का है। इन इमारतों में जगह जगह पानी भर गया है।
38, 39 और 40 क्रमांक की इमारतों की मरम्मत नहीं हुई है। जिसकी वजह से इस 100 साल पुरानी इमारत का बुरा हाल है। जिसकी वजह से शनिवार की बारिश का पूरा पानी इस इमारत के रहिवासियों के घरों में जमा हो गया। ऐसा लग रहा है कि गंगा मइया घर घर पहुंच गई हैं।
इन तीनों इमारतों की टैरस पर डांबरीकरण न होने से बारिश का पूरा पानी इमारत से रिसकर घरों के अंदर पहुंच रहा है। जिसकी वजह से घरों में पानी भर गया है। ऐसा बोला जा रहा है क् 4 महीना पहले इमारत की टेरेस की मरम्मत का काम किया गया था, पर स्थिति जस की तस बनी हुई है।
रहिवासी सूरज भिंगोरे का कहना है, हमने लोकप्रतिनिधी से बार बार इमारत की मरम्मत की मांग की बावजूद इसके किसी भी प्रकार की मरम्मत का काम नहीं हुआ है।
इस विषय पर जब हमने स्थानीय विधायक सुनील शिंदे से संपर्क साधा तो उन्होंने बताया कि जैसे ही बारिश रुकेगी वैसे ही हम बीडीडी की जिन जिन इमारतों की मरम्मत नहीं हुई है उनकी मरम्मत करने वाले हैं। इन तीन इमारतों के मरम्मत कार्य का रहिवासियों ने विरोध किया था जिसकी वजह से आज यह समस्या है।