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मलाड दीवार हादसा- एक छोटी सी लापरवाही ने ली 24 लोगों की जान

सोमवार रात मलाड इलाके में भारी बारिश के दौरान सुरक्षा दीवार गिर गई जिसमें अब तक कुल 24 लोगों की जान चली गई

मलाड दीवार हादसा- एक छोटी सी लापरवाही ने ली 24 लोगों की जान
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मुंबई को जहां एक ओर सपनों की नगरी कहा जाता है तो वही दूसरू ओर इसे हादसों का शहर भी कहा जाता है।  मुंबई में ऐसी कई घटनाएं या फिर ऐसे हादसे हुए है जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया। 26/11 आतंकी हमला हो या फिर 26 जुलाई की बाढ या फिर एलफिन्स्टन स्टेशन पर मची भगदड़ , मुंबई की इन सभी घटनाओं को पूरे देश को झंझोड़ कर रख दिया।  आर्थिक राजधानी मुंबई में ऐसी कई घटनाओं के बाद प्रशासन के कार्यपद्धति पर सवाल खड़े हो जाते है लेकिन बावजूद इसके हादसे मुंबई में नहीं रुक रहे।


सोमवार की रात मलाड इलाके के पिंपरीपाड़ा में सुरक्षा दीवार ढह जाने के कारण  24 लोगों की मौत हो गई।  घटनास्थल पर बचावकार्य अभी भी शुरु है। सोमवार रात से ही पुलिस, बीएमसी और एनडीआरएफ की टीम  घटनास्थल पर बचावकार्य में जुटी है। मलबे को हटाने का कार्य अभी भी जारी है , सुरक्षा रक्षको के साथ साथ डॉक्टरों की टीम को भी घटनास्थल पर तैनात किया गया है जो घायलों को मौके पर ही मेडीकल सुविधा मुहैया करा सके। 

दीवार में नहीं थी पानी जाने की जग

स्थानिय नागरिकों का कहना है की  सुरक्षा दीवार में बारिश का पानी निकलने के लिए एक भी होल नहीं था। जिसके कारण  जंगलों से आनेवाला पानी बाहर नहीं निकल सका और पानी का पूरा दबाव दीवार पर आ गया जिसके कारण दीवार ढह गई।  भारी बारिश होने के कारण  जंगलों से काफी पानी दीवार की ओर आ रहा था , लेकिन दीवार में एक भी होल ना होने के कारण पानी बाहर नहीं निकल पा रहा था। इसके साथ ही स्थानिय लोगों का कहना है ये दीवार डेढ़ से दो साल पहले ही बनी थी।

गरीब तबके के लोग 

इस हादसे में जितने भी मारे गए है वह सभी गरीब तबके से आते है , कोई रिक्शा चलाता था तो कई मजदूरी कर अपना घर चलाता था। रात का समय होने के कारण सभी लोग अपने अपने घरों में सो रहे थे , जिस समय ये हादसा हुआ उस समय भारी बारिश होने के कारण सभी लोग अपने अपने घरों में थे। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है की  दीवार पर पानी का दबाव इतना ज्यादा हो गया था की दीवार गिरने के बाद पूरा पानी आसपास के झुग्गी झोपड़ियों में फैल गया।  

स्कूल में ठहराया गया प्रभावित लोगों को 

दीवार गिरने के बाद प्रशासन से दीवार के आसपास रहनेवाले लोगों को एक स्थानिय स्कूल में ठहराया है। दीवार का अभी भी कुछ हिस्सा टेढ़ा है , जिसे देखते हुए प्रशासन ने आसपास झोपड़पट्टियों में रहनेवाले लोगों को पास के ही एक स्कूल में ठहराया है और इसके साथ ही उनके खाने का भी बंदोबस्त किया है।   


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