मुंबई के नौसैनिक प्रतिष्ठानों की परिधि से 3 किलोमीटर (किमी) क्षेत्र को भारतीय नौसेना के पश्चिमी नौसेना कमान (WNC) द्वारा "नो-फ्लाई ज़ोन" के रूप में नामित किया गया है। यह व्यक्तियों और नागरिक एजेंसियों के ड्रोन को बिना पूर्व अनुमति के अंतरिक्ष में प्रवेश करने से रोकता है।
रक्षा मंत्रालय(Defence ministry) के एक प्रवक्ता ने कहा कि ड्रोन उपयोग दिशानिर्देश गृह मंत्रालय द्वारा अपने विवेक पर जारी और संशोधित किए जाते हैं।
क्षेत्र में ड्रोन संचालित करने के लिए आवश्यक मंजूरी नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) से मिलेगी। DigitalSky वेबसाइट के माध्यम से स्वीकृति मांगी जा सकती है। पत्र की एक प्रति निर्धारित ड्रोन उड़ान से कम से कम एक सप्ताह पहले डब्ल्यूएनसी(WNC) मुख्यालय को भेजी जाएगी।
भारतीय नौसेना (indian navy)बिना आवश्यक अनुमति के प्रतिबंधित क्षेत्रों में उड़ने वाले ड्रोन को नष्ट या जब्त कर सकती है। उल्लंघनकर्ताओं को देश के कानूनों के प्रावधानों के अनुसार अभियोजन का भी सामना करना पड़ सकता है।
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