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रानीबाग में जन्मे पेंग्विन के बच्चे की हफ्ते भर में ही हुई मौत


रानीबाग में जन्मे पेंग्विन के बच्चे की हफ्ते भर में ही हुई मौत
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मुंबई के जीजामाता उद्यान यानि रानी बाग़ में 15 अगस्त बुधवार को जन्मे मादा पेंग्विन के बच्चे की मौत हो गयी। आपको बता दें कि 26 जुलाई 2016 को दक्षिण कोरिया से आठ हम्बोल्ट पेंग्विन मंगाए गए थे। इन्हीं में से एक जोड़े ने पिछले महीने जुलाई में यहां अंडा दिया था। और करीब 40 दिन बाद यह नन्हीं पेंग्विन का जन्म हुआ था।


देखभाल पर सवाल?

मात्र जन्म के 7 दिन बाद ही इस मादा पेंग्विन की मौत से रानी बाग़ प्रशासन सकते में आ गया है। साथ ही पेंग्विन के रख रखाव पर भी सवाल उठने लगे हैं? रानी बाग़ में जानवरों के स्वास्थ्य की जांच करने वाले डॉक्टर ने बताया कि 22 अगस्त को इस बच्चे की स्थिति ठीक नहीं थी। उसी रात ही इसकी मौत हो गयी थी. जिसके बाद 23 अगस्त सुबह 9:30 इसका पोस्टमार्टम किया गया। पोस्टमार्टम में मौत की वजह को विसंगति (yolk sac retention) बताया गया। यही नहीं इस पेंग्विन के बच्चे की मौत की वजह लिवर में भी इंफेक्शन होना बताया जा रहा है। इस बारे में रानी बाग़ प्रशासन ने प्रेस रिलीज जारी कर जानकारी साझा की है।

 

जुलाई में हुई थी गर्भवती 
जुलाई महीने एक पेंग्विन के गर्भवती होने की खबरें आई थीं। इसी गर्भवती पेंग्विन ने गुरुवार की सुबह एक मादा पेंग्विन को जन्म दिया। मोल्ट और उसकी जोड़ीदार फ्लिपर ने 5 जुलाई को अंडा दिया था।

आठ हम्बोल्ट पेंग्विन को दो साल पहले 26 जुलाई, 2016 को भायखला के वीर जिजामाता भोसले पार्क यानी की रानीबाग में लाया गया था। तीन पुरुष और पांच महिला पेंगुइन थे। 18 अक्टूबर 2016 को पेंगुइन में से एक की मृत्यु हो गई। जिसके बाद सिर्फ सात पेंग्विन ही बचे थे।


देश में पहली बार हुआ था पेंग्विन का जन्म 

इन सात पेंग्विन में से डोनाल्ड-डेझी, ऑलिव-पॉपाया, मिस्टर मोईट-फ्लिपर नाम के तीन जोड़े तैयार हुए। फ्लिपर मे कुछ दिनों पहले अंडे दिये थे। जिसके 40 दिन बाद गुरुवार को एक मादा पेंग्विन ने जन्म लिया था। भारत में किसी पेंग्विन ने पहली बार जन्म लिया था।

यह भी पढ़ें: रानीबाग में पेग्विन ने दिया बच्चे को जन्म

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