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सुप्रीम कोर्ट के नियम की धज्जियां उड़ाते रैन बसेरे


सुप्रीम कोर्ट के नियम की धज्जियां उड़ाते रैन बसेरे
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सुप्रीम कोर्ट ने 5 मई 2010 में फूटपाथ पर सोने वालों के लिए नाईट शेल्टर (रैन बसेरा) बनाने का आदेश दिया था. लेकिन अभी तक रैन बसेरों की कोई सुविधा नहीं दी गयी है। कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज कैलाश गंभीर का अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया। इस समिति ने कुछ दिन पहले मुंबई में रैन बसेरों को लेकर एक रिपोर्ट तैयार की। इस समिति ने जो रिपोर्ट तैयार की उसके अनुसार राष्ट्रीय शहरी आजिविका मिशन योजना के अनुसार मुंबई में एक भी रैन बसेरों का अस्तित्व नहीं होने की बात सामने आई। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार अनेक साल होने के बाद पालिका और राज्य सरकार के नगर विकास विभाग ने इस बाबत कोई भी कदम नहीं उठाया। सुप्रीम कोर्ट ने 15 दिनों के अंदर इस संबंध में रिपोर्ट पेश करने को कहा है।

क्या था सुप्रीम कोर्ट का आदेश

रैन बसेरों के लाकर कुछ समाजिक संस्थाओं ने कोर्ट में याचिका दाखिल किया था। इस याचिका की सुनवाई में 5 मई 2010 को कोर्ट ने शहर भर में करीब एक लाख रैन बसेरा बनाने का आदेश दिया था, लेकिन कोर्ट के आदेश का कोई खास असर नहीं हुआ।

मुंबई में कहां कहां है रैन बसेरा
• वानखेडे स्टेडियम के पास (ए वार्ड)
• कामाठीपुरा,खेतवाड़ी,बांद्रा,,अंधेरी(पूर्व), कांदिवली(पूर्व), मालाड(पश्चिम), कुर्ला

मुंबई के रैन बसेरों की स्थिति

बीएमसी और नगरविकास विभाग ने दावा किया है कि मुंबई के रैन बसेरा रात 9 बजे खुल जाते हैं। 22 रैन बसेरों का काम शुरू है और 25 का काम शुरू किया जायेगा। लेकिन सामाजिक संस्था और सुप्रीम कोर्ट को कैलाश गंभीर की समिति ने इस दावे को झूठा करार दिया है।
इस बाबत मुंबई लाइव से कैलाश गंभीर ने बात करते हुए कहा कि मुंबई में बने हुए रैन बसेरे अच्छी स्थिति में नहीं है और इसमें कोई सुविधा में नहीं है। बीएमसी और राज्य के संबंधित विभाग ने अच्छे रैन बसेरों को बनाने के लिए कहा गया है।


उन्होंने आगे कहा कि मुंबई में जगह की कमी है। कितने दिनों से हम इसका रोना रोते रहेंगे। उन्होंने स्पष्ट आदेश दिया कि मुंबई पोर्ट ट्रस्ट और रेलवे को जगह उपलब्ध कराने की बात कही गयी है। नगरविकास सचिव मनिषा म्हैसकर, बीएमसी कमिश्नर अजोय मेहता और महापालिका प्रशासक प्रमुख विरेंद्र सिंह को 15 दिनों के भीतर रोडमैप बना पेश करने को कहा गया है।

जब इस संदर्भ में बीएमसी के सहायक आयुक्त अलका ससाने से संपर्क किया गया तो उन्होंने मुंबई में 25 रैन बसेरों को बनाये जाने की सुचना दी। उन्होंने आगे बताया कि 22 प्रस्तावित रैन बसेरा हैं 9 कार्यरत हैं जिसमें छोटे बच्चे रहते हैं। तीन रैन बसेरों के लिए जगह ढूढने का काम जारी है। आगे की योजना में भी रैन बसेरों का प्रावधान किया जायेगा।

मुंबई लाइव को सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार मुंबई में फूटपाथों पर सोने वाली लोगों की संख्या काफी अधिक है। इनकी संख्या को देखते हुए मुंबई में 125 रैन बसेरों की आवश्यकता है। सामाजिक संस्था छोटे बच्चों के लिए रेन बसेरा चला रहे हैं. समिति ने रैन बसेरों को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त की।

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