पिछले चार वर्षों में शहर में सड़क यातायात से होने वाली मौतों में 22 प्रतिशत की गिरावट आई है, लेकिन मुंबई सड़क सुरक्षा रिपोर्ट 2018 के अनुसार पैदल चलने वालों की मृत्यु अभी भी एक चिंता का विषय है।मुंबई ट्रैफिक कंट्रोल ब्रांच (MTCB) द्वारा ब्लूमबर्ग परोपकार की पहल के लिए सड़क सुरक्षा (BIGRS) के साथ संयुक्त रूप से जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक 2015 में लगभग 611 लोगों की मौत गई थी तो वही 2018 में 475।लोगों की हादसों के कारण मौत हुई।
इसके अलावा सड़क दुर्घटनाओं में होनेवाले घायलों की संख्या में भी कमी आई है। 2015 में 4029 लगो सड़क हादसो में घायल हो गए थे तो वही 2018 में ये संख्या घटकर 3292 रह गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि पैदल चलने वाले लोग सड़क दुर्घटनाओं से सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। जबकि पैदल चलने वालों की संख्या कुल सड़क यातायात की मौतों में 51 प्रतिशत है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे (WEH) और ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे (EEH) शहर के सबसे ज्यादा जोखिम वाले जगह बने हुए है। शहर के अन्य सॉफ्ट स्पॉट एसवी रोड, सायन ट्रॉम्बे रोड, डॉ बाबा साहेब अंबेडकर रोड, नेताजी सुभाष चंद्र बोस रोड और लिंक रोड थे। हालाँकि, रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि WEH और EEH में हादसों के आकड़े पिछले साल की तुलना में कम हुए हैं।