पूरे विश्व में कोरोना महामारी (Corona virus) के कारण लोगों की बूरी स्थिती है। जहां एक ओर लोगों के सामने अपने स्वास्थ को बचाने की चुनौती है तो वही दूसरी ओर उनके सामने अपनी रोजी रोटी(Jobs) के लिए भी अब सवाल खड़ा हो गया है। लॉकडाउन (Lockdown) का ऐलान होने के बाद ही कई मजदूर अपने अपने गांव चले गए थे, हालांकी अनलॉक 1 का एलान होते ही अब वह फिर से मुंबई और असपास के इलाके में आने लगे है। हालांकी लॉकडाउन की मार सार्वजनिक शौचालय चलानों वालों पर भी पड़ी है।
जेब से भरने पड़ रहे है पैसे
लॉकडाउन के ऐलान के बाद बीएमसी ने मुंबई सभी पे एंड यूज टॉइलेट के इस्तेमाल को मुफ्त कर दिया था। यानी की कोई भी पे एंड यूज टॉइलेट को बिना पैसे दिये इस्तेमाल कर सकता था। हालांकी इसका सबसे बड़ा नुकसान सार्वजनिक शौचालय चलानों वालों पर पड़ा। लॉकडाउन होने के कारण डहां एक ओर आम लोगों को शौचायल का मुफ्त में इस्तेमाल करने दिया गया तो वही दूसरी ओर अब लॉकडाउन के समय शौचालय पर आनेवाले मेनेटेंस का खर्च और बिजली के बिल का खर्च शौचायल चलानेवालो को देना पड़ रहा है।
बीजेपी विधायक मनीषा चौधरी ने इस विषय को लेकर बीएमकी को एक पत्र भी लिखा है जिसमें उन्होने पे एंड यूज शौचालयों को चलानेवाले के लिए बिजली बिल में राहत देने की मांग की है।
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